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उदयपुर की ताजा खबर Udaipur Latest News 01 May2023 उदयपुर की ताजा खबर Udaipur Latest News 01 May 2023 उदयपुर की ताजा खबर Udaipur Latest News 01 May 2023

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May 1, 2023
  • हेलो फ्रेंड्स हम हाजिर हैं आज की अपडेट्स लेकर….
  • उच्चतम न्यायालय ने तलाक के असाध्‍य मामलों में संविधान के अनुच्छेद 142 के अंतर्गत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करने की व्यवस्था दीउच्चतम न्यायालय ने आज व्यवस्था दी कि वह हर संभव प्रयासों के बावजूद विवाह टूटने के मामलों में तलाक मंजूर करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी पूर्ण शक्तियों का इस्तेमाल कर सकता है।  संविधान पीठ ने व्यवस्था दी कि हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित छह महीने की अवधि छोड़ी जा सकती है।हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 12बी के अंतर्गत निर्धारित कानूनी बाध्यकारी अवधि की प्रतीक्षा के लिए पारिवारिक न्यायालय में मामला भेजे बिना विवाह विच्छेद के लिए शीर्ष न्यायालय की पूर्ण शक्तियों के उपयोग संबंधी याचिकाओं पर यह फैसला दिया गया। अनुच्छेद 142 शीर्ष न्यायालय को किसी भी मामले में पूरा न्याय उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक आदेश देने के लिए अधिकृत करता है।यह मामला एक खंडपीठ द्वारा लगभग पांच वर्ष पूर्व 29 जून, 2016 को पांच न्यायाधीशों की पीठ को सौंपा गया था। दलीलें सुनने के बाद संविधानपीठ ने 29 सितम्बर 2022 को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
  • मज़ूदर आन्दोलन तथा श्रमिकों के बलिदान और संघर्ष की स्मृति में आज अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस मनाया जा रहा है। इसे मई दिवस के नाम से भी जाना जाता है। मजदूर दिवस की शुरुआत 19वीं सदी के उत्तरार्ध में हुई, जब दुनियाभर के श्रमिकों ने बेहतर काम करने की स्थिति, उचित वेतन और कम काम के घंटे की मांग शुरू कर दी थी।अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस भारत, क्यूबा और चीन सहित 80 से अधिक देशों में मनाया जाता है। दुनिया के विभिन्न भागों में इस दिन श्रमिकों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उन्हें शोषण से बचाने के लिए रैली निकाली जाती है।

    भारत में पहला मजदूर दिवस 1 मई, 1923 को चेन्नई में मनाया गया था। पहले मई दिवस समारोह का आयोजन लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा किया गया था। कामकाजी लोगों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें शोषण से बचाने के लिए दुनियाभर में मजदूर दिवस मनाया जाता है। यह हमारे समाज में श्रमिक वर्ग द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की भी याद दिलाता है।

  • बीते तीन दशकों के वैश्वीकरण ने रोज़गार की परिभाषा भी बदली है और स्वरूप भी. काम करने के तौर तरीक़ों में काफ़ी बदलाव आए हैं, कोरोना संक्रमण के दौरान दुनिया भर में रिमोट वर्किंग का रूप भी देखने को मिला.

    दुनिया में सबसे ज़्यादा बंधुआ मज़दूर भारत में हैं. विश्व ग़ुलामी सूचकांक की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में भारत में 80 लाख लोग “आधुनिक गुलामी” में जी रहे थे. एक संस्था के साल 2020 के सर्वे के मुताबिक महामारी की वजह से मजदूरों के कर्ज़ में फंसने का जोख़िम तीन गुना बढ़ गया है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के अनुसार साल 2016 में दुनिया भर में 4 करोड़ से ज़्यादा लोग बंधुआ मज़दूरी का शिकार थे.अनुमानों के मुताबिक इनमें से 71 फ़ीसदी महिलाएं थीं. इस साल जारी हुई विश्व असमानता रिपोर्ट की मानें तो भारत में श्रम से होने वाली कुल कमाई का सिर्फ 18 प्रतिशत हिस्सा ही महिलाओं के हाथ आता है.

    आईएलओ की साल 2021 की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में बाल मज़दूरों की तादाद बढ़कर 16 करोड़ हो गई है. रिपोर्ट ये भी आगाह करती है कि कोविड-19 महामारी के असर से इस संख्या में साल 2022 के अंत तक 90 लाख तक का इज़ाफ़ा हो सकता है.

    साल 2011 जनगणना के हवाले से संगठन का अंदाज़ा है कि देश में 5-14 साल की उम्र के बच्चों में से 3.9 प्रतिशत मज़दूरी करते हैं.

     आँकड़े बताते हैं कि देश के कुल श्रमिकों में से 93 फीसदी असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं. यानी उनके लिए न्यूनतम वेतन जैसी सामाजिक सुरक्षा के हक पाना और मुश्किल है.

    देश में करोड़ों शहरी असंगठित मज़दूर और ग्रामीण खेत मज़दूर है जो किसी भी कानून के दायरे में नहीं आते. . इसलिए मज़दूर दिवस  अधिक प्रासंगिक हो गया है

    दुनिया भर की समाजवादी और श्रमिक पार्टियों के संगठन द्वितीय अंतरराष्ट्रीय ने साल 1889 के पेरिस सम्मेलन में मज़दूरों के हक़ों की आवाज़ बुलंद करने के लिए 1 मई का दिन चुना था.

    ये पश्चिम में औद्योगीकरण का दौर था और मज़दूरों से सूर्योदय से सूर्यास्त तक काम करने की उम्मीद की जाती थी. अक्टूबर 1884 में अमेरिका और कनाडा की ट्रेड यूनियनों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनाइज़्ड ट्रेड्स एंड लेबर यूनियन ने तय किया कि मज़दूर 1 मई, 1886 के बाद रोज़ाना 8 घंटे से ज़्यादा काम नहीं करेंगे. जब वो दिन आया तो अमेरिका के अलग-अलग शहरों में लाखों श्रमिक हड़ताल पर चले गए.

    इन विरोध प्रदर्शनों के केंद्र में शिकागो था. यहां दो दिन तक हड़ताल शांतिप्रिय तरीके से चली. लेकिन तीन मई की शाम को हार्वेस्टिंग मशीन कंपनी के बाहर भड़की हिंसा में दो मज़दूर पुलिस फायरिंग में मारे गए.

    अगले दिन फिर दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं जिनमें 7 पुलिसवालों समेत 12 लोगों को जान गँवानी पड़ी. इसी वजह से द्वितीय अंतराराष्ट्रीय ने 1 मई का दिन चुना था. शुरुआत में दुनिया भर के मज़दूरों से सिर्फ रोज़ाना 8 घंटे काम की मांग को लेकर एकजुट होने के लिए कहा गया था.

    इसके बाद 1889 से लेकर 1890 तक अलग अलग देशों में मज़दूरों ने प्रदर्शन किए. ब्रिटेन के हाइड पार्क में 1890 की पहली मई को तीन लाख मज़दूरों 8 घंटे काम की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे. जैसे-जैसे वक्त बीता ये दिन श्रमिकों के बाकी अधिकारों की तरफ ध्यान दिलाने का भी एक मौका बन गया.

    भारत में मज़दूर दिवस साल 1923 के बाद से मनाया जा रहा है. इस साल भी मज़दूर संगठन अलग-अलग राज्यों में रैलियां और प्रदर्शन आयोजित करने जा रहे हैं.

    जब भी प्रदूषण बढ़ने लगता है, मैं अपने बच्चों को लेकर चिंतित हो जाती हूँ.”’मैं और मेरे दोनों बेटों को अस्थमा है. हमें बहुत ख़्याल रखना पड़ता है. प्रदूषण, एलर्जी, डस्ट या किसी तरह के स्ट्रेस से क्योंकि यही उसके ट्रिगर प्वाइंट होते हैं.”

    ऐसे कई लोग हैं, जो अस्थमा या दमा से पीड़ित हैं.

    हालाँकि डॉक्टर अस्थमा को कोई बीमारी मानने की बजाए एक स्थिति बताते हैं, जिसमें मरीज़ को साँस लेने में दिक़्क़त आती है.

    छाती रोग विशेषज्ञ डॉ  कहते हैं, ”अस्थमा की स्थिति किसी को किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है. इसमें साँस के रास्ते में या साँस की नली में किसी प्रकार की हवा या कण की वजह से सूजन आ जाती है, जिससे हवा की आवाजाही में परेशानी आती है. ये एक तरह की एलर्जी होती है.”ग्लोबल अस्थमा रिपोर्ट 2022 के मुताबिक़ भारत में तीन करोड़ पचास लाख लोगों को अस्थमा है.

    अस्थमा के लक्षण

    • साँस लेने के दौरान सीटी बजने जैसी आवाज़ आना
    • साँस उखड़ना
    • छाती में जकड़न महसूस करना
    • खाँसी होना

    जब ये लक्षण बिगड़ने लगते हैं, तो अस्थमा का अटैक आता है.

    अस्थमा एक ऐसी स्थिति है जिसे पहचानने में लोगों को वक़्त लगता है और वो इस बीमारी से निपटने के लिए घरेलू नुस्ख़े अपनाते रहते हैं.इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता भी कमी है. ऐसे में अस्थमा के मामले ज़्यादा हैं क्योंकि अभी भी लोगों को इस बीमारी के बारे में ज्ञान नहीं है.

    कई ऐसे मरीज़ हैं, जो घरेलू इलाज करते हैं और उन्हें ये डर होता है कि उन्हें इन्हेलर की आदत पड़ जाएगी.

     अस्थमा की दो स्थिति होती हैं – एक हल्का अस्थमा और दूसरा गंभीर.

    अगर किसी को हल्का अस्थमा है, तो ऐसे में मरीज़ को साल में एक-दो बार छाती में जकड़न महसूस हो सकती है या साँस लेने में तकलीफ़ हो सकती है.

    वहीं गंभीर अस्थमा के मामले सात या आठ फ़ीसदी ही होते हैं और दवा लेने के बावजूद वो नियंत्रण में नहीं आता है. उस पर ध्यान देने की ज़रूरत है और इनके लिए नए इलाज भी सामने आ रहे हैं.

    ‘कई बार स्थिति ख़तरनाक हो जाती है जबअस्थमा तेज़ी से बढ़ता है. अगर इतना बढ़ जाए कि साँस के रास्ते में ही रूकावट आ जाए, तो मरीज़ की मौत भी हो सकती है.

    डॉक्टर अस्थमा के शिकार मरीज़ों को सलाह देते हैं कि वे धूल से बचें, प्रदूषण के दौरान मास्क का इस्तेमाल करें और मौसम बदलने से पहले दवा लेना शुरू कर दें और हमेशा इन्हेलर रखें.

    अस्थमा बचपन से लेकर बुढ़ापे में कभी भी हो सकता है और कई कारण होते हैं, जो मरीज़ के शरीर पर अधिक प्रभाव डाल सकते हैं, जिसे वो ट्रिगर प्वॉइंट बताते हैं.

    इन्हेलर की बात कर रहे हैं, दरअसल वो एक उपकरण होता है जिसमें दवा डाली जाती है, जो साँस के ज़रिए अंदर जाती है और साँस के रास्ते में जो रुकावट होती है वो उसे खोलने में मदद करता है या वहाँ सूजन को कम करता है.

    डॉक्टरों के अनुसार दवा लेकर अस्थमा पर नियंत्रण पाया जा सकता है और कई ऐसे एथलीट, फिल्म अभिनेता और अभिनेत्रियाँ हैं, जिन्हें अस्थमा है लेकिन वो सब काम करते हैं.ऐसे में आपको अपने लक्षणों की तरफ ध्यान देना है कि वो किस मौसम या स्थिति में आपको परेशान ज़्यादा करता है और उसी के मुताबिक़ इलाज कराना है.ऐसे में आप इस स्थिति पर कंट्रोल पा सकते हैं, इसे ख़त्म नहीं किया जा सकता.जाँच नियमित तौर पर कराते रहे और फेफड़ों को फुलाने, कसरत और लाइफ़स्टाइल को बेहतर करने पर ध्यान दें.

    राजस्थान राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड ने वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन 14567 के माध्यम से अधिक से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को लाभान्वित करने की अपील की है।
     केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से संचालित हेल्पलाइन नंबर 14567 के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। उक्त हेल्पलाइन के माध्यम से व्यथित बुजुर्गों को किसी भी आपातकालीन स्थिति में सहायता, सरकारी योजनाओं संबंधी सहायता, कानूनी-परामर्श सहायता एवं अन्य आपदाओं में सहायता प्रदान करवाई जा रही है।
    निर्णय लिया गया कि एल्डर हेल्पलाइन नंबर 14567 का राज्य के प्रमुख स्थानों यथा रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड,कलेक्टर कार्यालय, उपखंड, तहसील, पंचायत कार्यालय अस्पताल तथा अन्य सार्वजनिक जगहों पर पम्पलेट्स, पोस्टर एवं बैनर्स लगाकर वरिष्ठ नागरिकों को हेल्पलाइन के उपयोग हेतु जागरूक किया जाएगा।

    उदयपुर ने  जबरन हॉस्पिटल में रोक कर रखने के  ही एक मामले में एक निजी अस्पताल  को सीएमएचओ के आदेश पर सीज़ किया जा चूका है। लेकिन फिर भी ऐसे मामलो के कमी नहीं आ रही है।ऐसा ही एक कथित मामला उदयपुर के शोभागपुरा स्थित हेल्थ केयर में सामने आया जहाँ इलाज करवाने पहुंची एक सरकारी महिला डॉक्टर और उसके परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन पर बिना वजह ही अस्पताल में भर्ती करने और सर्वर डाउन होने के नाम पर दिन भर रोके रखा और वहां जाने नहीं दिया ताकि अस्पताल के बिल में इज़ाफ़ा हो सके।

    दरअसल शहर के नीमच माता स्थित सरकारी स्वस्थ्य केंद्र में कार्यरत 45 वर्षीया डॉ दो दिन पूर्व अपनी किसी समस्या को लेकर अपने पति  के साथ कथित अस्पताल गई थी। जहाँ डॉक्टर्स ने सभी जांचे करने के बाद उनके शरीर में गांठ होने के चलते ऑपरेशन करने की बात कह कर अस्पताल में भर्ती होने को कहा।

    जिस पर डॉ  अपने पति के साथ सोमवार सुबह पांच बजे हेल्थ केयर पहुंची थी। सुबह निर्धारित समय पर आने के बाद डॉक्टर ने उन्हें ऑपरेशन नहीं किये जाने की बात कही।

    डॉ के पति  का आरोप है कि सुबह 11 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक उन्हें बिना वजह हॉस्पिटल में बिठा कर रखा गया और जबरन उनको भर्ती भी कर लिया गया। और इतने घंटो के बाद हॉस्पिटल से जाने की बात कही तो वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने सर्वर डाउन होने की वजह से डिस्चार्ज नहीं करने की बात कही. जब उन्होंने अस्पताल रिसेप्शन पर पता किया तो रिसेप्शन स्टाफ ने सर्वर डाउन होने जैसी किसी बात से इंकार कर दिया।इस बात से नाराज़ होकर उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर बिल में इज़ाफ़ा करने के आरोप लगाते हुए नाराज़गी ज़ाहिर की तो अस्पताल के सीनियर डॉक्टर्स वहां पहुंचे और आखिरकार उन्हें अस्पताल से छुट्टी देनी पड़ी।

    संभाग के राजसमंद ज़िले में एक हिंदू युवक का धर्म परिवर्तन करवा कर बाद में समुदाय विशेष की युवती व युवती के परिजनों ने युवक इतना परेशान किया कि युवक ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। युवक के परिजन ने ने राजसमंद से उदयपुर आकर आईजी के समक्ष परिवाद दिया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

     

  • सेंसेक्स
  • घरेलू शेयर बाजार में बढत दर्ज की गई। सेंसेक्स 463अंक की बढत के साथ 61 हजार 112 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 150अंक की बढत के साथ  18 हजार 065 के स्तर पर पहुंच गया।
  • सर्राफा
    उदयपुर में दोनों कीमती धातुओं के भाव इस प्रकार रहे
    सोना 22 कैरेट 1 ग्राम₹  5699 सोना 24 कैरेट 1 ग्राम ₹ 5984
    चांदी 1 किलो बार का भाव रहा ₹₹ 80400
  • मौसम
  • मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के दौरान देश के अनेक भागों में वर्षा और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है।कल हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित अनेक भागों में बारिश हुई और कई स्थानों पर ओले भी गिरे मौसम विभाग  ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण व्यापक वर्षा की स्थिति बनी है। उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में बारिश और तेज हो सकती है। देश के किसी भी हिस्से में इस महीने की 10 तारीख तक गर्म हवाएं चलने की आशंका नहीं है।
  • राजस्थान में एक के बाद एक आ रहे पश्चिमी विक्षोभ का असर पूरे मौसम के सिस्टम पर पड़ गया है। इससे प्रदेश में गर्मी का मौसम सवा महीने आगे खिसक गया। 8 मई तक आंधी, ओले और बारिश का दौर प्रदेश में जारी रहेगा।मौसम विभाग के मुताबिक, मई का शुरुआती सप्ताह बारिश, ओले और आंधी के दौर में निकलेगा। 7 में से 5 संभागों (बीकानेर, अजमेर, जयपुर, भरतपुर और कोटा) के जिलों में दोपहर बाद बादल गरजने और तेज हवाओं के साथ मध्यम बारिश की संभावना  है। झुंझुनूं, चूरू, सीकर, नागौर, अजमेर, भीलवाड़ा, जोधपुर, पाली, जयपुर, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां सहित 16 जिलों में बिजली की गरज चमक के साथ 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। इस दौरान मध्यम बारिश होगी।
    मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के मुताबिक दो बैक टू बैक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राज्य में आंधी बारिश एक सप्ताह तक जारी रह सकती हैं। 8 मई से आंधी बारिश में कमी आएगी और अधिकतम तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी।
  •  पिछले 24 घंटों के दौरान उदयपुर शहर का तापमान रहा अधिकतम  27  डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम  19  डिग्री सेल्सियस
  • तो ये थीं अब तक की अपडेट्स हम फिर आएंगे और अपडेट्स लेकर बने रहिए हमारे साथ…

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