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- राजस्थान में स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक के विरोध में निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की 16 दिन से जारी हड़ताल समाप्त हो गई है। स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक पर आज डॉक्टरों और सरकार के बीच आठ बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद डॉक्टरों के संगठनों ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की।
निजी अस्पताल और नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव ने बताया कि कल सुबह से सभी निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज शुरू हो जायेगा। मुख्यमंत्री ने इस समझौते पर खुशी जताते हुए कहा है कि राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य का अधिकार लाने का राज्य सरकार का उद्देश्य था कि इलाज के अभाव में किसी को परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने संतोष व्यक्त किया कि स्वास्थ्य के अधिकार के संबंध में राज्य सरकार द्वारा रखे गए प्रस्तावों पर डॉक्टर बिरादरी सहमत है। इसके साथ ही राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी लोगों ने बिल के पक्ष में राज्य सरकार को अपना सहयोग दिया है और इस जनहितैषी बिल का स्वागत किया है। अब डॉक्टर्स का इस अहम बिल से सहमत होना एक अच्छा संकेत है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी डॉक्टर तुरंत अपनी ड्यूटी में शामिल होंगे और निजी और सरकारी अस्पताल स्वास्थ्य के अधिकार, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और आरजीएचएस जैसी योजनाओं को सफल बनाएंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जिस तरह से निजी और सरकारी अस्पतालों ने कोविड के उत्कृष्ट प्रबंधन के साथ मिसाल कायम की है, उसी तरह वे इन योजनाओं को धरातल पर सफलतापूर्वक लागू करेंगे और ‘राजस्थान का जन स्वास्थ्य मॉडल’ पेश करेंगे.
स्वास्थ्य के अधिकार को लेकर मंगलवार को राज्य सरकार और डॉक्टरों के बीच समझौता हो गया। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), यूनाइटेड प्राइवेट क्लिनिक्स एंड हॉस्पिटल्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (UPCHAR) और प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसाइटी (PHNS) के प्रतिनिधियों ने चर्चा की और विभिन्न बिंदुओं पर सहमति व्यक्त की।
समझौते के अनुसार स्वास्थ्य के अधिकार के क्रियान्वयन के पहले चरण में 50 बिस्तरों से कम वाले निजी मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा जाएगा. जिन निजी अस्पतालों ने सरकार से कोई रियायत नहीं ली है या अस्पताल के लिए भूमि आवंटन में कोई छूट नहीं ली है, उन पर इस कानून का कोई बंधन नहीं होगा।
समझौते के तहत यह कानून निजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, पीपीपी मोड पर चलने वाले अस्पताल, मुफ्त या रियायती दरों पर जमीन आवंटित करने वाले अस्पताल और रियायती या रियायती दर पर जमीन पाने वाले ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पतालों में लागू किया जाएगा. दरें। राज्य में विभिन्न स्थानों पर कार्यरत अस्पतालों को ‘कोटा मॉडल’ के अनुरूप नियमित करने पर भी विचार करने पर सहमति बनी। इस मॉडल में आवासीय परिसरों में चल रहे अस्पतालों को भवन निर्माण नियमों में छूट देने पर विचार किया जाएगा।
समझौते के मुताबिक आंदोलन के दौरान दर्ज पुलिस केस और अन्य केस वापस ले लिए जाएंगे. लाइसेंस और अन्य मंजूरियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लाने पर विचार किया जाएगा। इसी तरह निजी अस्पतालों को हर पांच साल में फायर एनओसी देने पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी कि स्वास्थ्य के अधिकार कानून में नियमों में बदलाव आईएमए के प्रतिनिधि के परामर्श से किया जाएगा।
पिछले लंबे समय से उदयपुर सहित राज्य के अन्य जगह पर राइट टू हेल्थ के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं डॉक्टर और सरकार के बीच वार्तालाप सफल होने के बाद आज डॉक्टर ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी।
इस दौरान विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए डॉक्टरों ने बताया कि सभी की एकजुटता और आत्मविश्वास के साथ इसका लगातार विरोध किया जा रहा था उसी का नतीजा है कि आज सरकार ने आज सभी सकारात्मक ऊर्जा दी । टीम लगातार सरकार के साथ वार्तालाप कर रही थी जिससे सभी डॉक्टरों की जीत हुई है।
डॉक्टर्स और सरकार के बीच 8 मांगों पर समझौता हो गया है। मुख्य सचिव से मीटिंग के बाद इस पर फैसला लिया गया।
इन 8 बिंदुओं पर हुआ समझौता
- 50 बिस्तरों से कम वाले निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों को आरटीएच से बाहर कर दिया है।
- सभी निजी अस्पतालों की स्थापना सरकार से बिना किसी सुविधा के हुई है और रियायती दर पर बिल्डिंग को भी आरटीएच अधिनियम से बाहर रखा जाएगा।
- ये अस्पताल आरटीएच के दायरे में आएंगे- (1) निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, (2) पीपीपी मोड पर बने अस्पताल, (3) सरकार से मुफ्त या रियायती दरों पर जमीन लेने के बाद स्थापित अस्पताल (प्रति उनके अनुबंध की शर्तें), (4) अस्पताल ट्रस्टों द्वारा चलाए जाते हैं (भूमि और बिल्डिंग के रूप में सरकार द्वारा वित्तपोषित)
- राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर बने अस्पतालों को कोटा मॉडल के आधार पर नियमित करने पर विचार किया जाएगा
- आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए पुलिस केस और अन्य मामले वापस लिए जाएंगे
- अस्पतालों के लिए लाइसेंस और अन्य स्वीकृतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम होगा
- फायर एनओसी हर 5 साल में रीन्यू करवाई जाएगी
- नियमों में कोई और परिवर्तन हो तो आईएमए के दो प्रतिनिधियों के परामर्श के बाद किया जाएगा
साथ ही जिस हॉस्पिटल की एनओसी एक 1 साल की थी उसे बढ़ाकर 3 साल कर दिया है। इसको लेकर सभी डॉक्टरों ने सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया
- विदेश मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के चीन के कदम का खंडन किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है कि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का प्रयास किया है। उन्होंने कहा है कि भारत इसे सिरे से खारिज करता है।
प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि अरुणाचल प्रदेश देश का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है तथा नए-नए नाम गढ़ने के प्रयास इस वास्तविकता को नहीं बदल सकते। यह प्रतिक्रिया मीडिया की उन खबरों के मद्देनजर आई है जिनमें कहा गया है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों का नाम बदल दिया है। - महावीर जयन्ती आज देशभर में मनाई जा रही है। यह जैन समुदाय के अत्यधिक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। इसे महावीर जन्म कल्यानक के रूप में भी जाना जाता है। भगवान महावीर वर्तमान अवसर्पिणी के अंतिम और चौबीसवें तीर्थंकर थे।
- नासा ने चंद्र मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों की एक टीम की घोषणा की है, जो अगले साल 10 दिन के मिशन के लिए चंद्रमा के चारों ओर उड़ान भरेगी। टीम की घोषणा ह्यूस्टन, टेक्सास में एक कार्यक्रम के दौरान की गई। टीम में तीन अमरीकी और एक कनाडाई अंतरिक्ष यात्री हैं, जिनमें एक महिला और एक अफ्रीकी अमरीकी शामिल हैं, जिन्हें कभी चंद्र मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के रूप में नियुक्त किया गया था। रीड वाइसमैन कमांडर होंगे जबकि विक्टर ग्लोवर मिशन को पायलट करेंगे, क्रिस्टीना कोच और कनाडा के जेरेमी हैनसेन मिशन विशेषज्ञ के रूप में काम करेंगे।सुश्री कोच और श्री ग्लोवर चंद्रमा के आसपास जाने वाली पहली महिला और पहले अश्वेत व्यक्ति के रूप में इतिहास रचेंगे। श्री हैनसेन चंद्रमा पर जाने वाले पहले गैर-अमरीकी होंगे।
- पूर्वी सिक्किम में चांगु झील और नाथुला के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले गंगटोक-नाथुला जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर हिमस्खलन में सात लोगों की मौत हो गई है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि 20 से 30 पर्यटकों सहित छह वाहनों के बर्फ में दबे होने की आशंका है। सेना की त्रिशक्ति कोर और सीमा सड़क संगठन बीआरओ के परियोजना स्वास्तिक, राज्य आपदा प्रबंधन और पुलिस की टीमों के बचाव अभियान में छह स्थानीय लोगों सहित अब तक लगभग 23 पर्यटकों को बचाया गया है। सभी को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा सड़क से बर्फ हटाने के बाद साढ़े तीन सौ पर्यटकों और 80 वाहनों को भी बचाया गया। बचाव अभियान जारी है।और हिमस्खलन से प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
- स्कूली शिक्षा पर केंद्र और राज्य की शीर्ष सलाहकार संस्था एनसीईआरटी ने इतिहास के पाठ्यक्रम में संशोधन किया है और सीबीएसई की 12वीं कक्षा की मध्यकालीन इतिहास की पाठ्यपुस्तकों से ‘किंग्स एंड क्रॉनिकल्स’ और ‘द मुगल कोर्ट्स’ पर आधारित अध्यायों को हटा दिया है.उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल एनसीईआरटी की 12वीं कक्षा की इतिहास की नई पाठ्यपुस्तकों को अपनाएंगे, जिसमें मुगल दरबारों के बारे में अंश हटा दिए गए हैं.उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम अपने छात्रों को एनसीईआरटी की किताबों का इस्तेमाल कर पढ़ाते हैं. संशोधित संस्करण में जो कुछ भी है, उसका पालन किया जाएगा.’ 2023-24 सत्र से राज्य के स्कूलों में इसका अनुसरण करेंगे.’12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की किताबों को भी संशोधित किया गया है. ‘राइज ऑफ पॉपुलर मूवमेंट्स’ (भारत में समाजवादी और कम्युनिस्ट पार्टियों के उदय के बारे में) और ‘एरा ऑफ वन पार्टी डोमिनेंस’ (स्वतंत्रता के बाद के युग में कांग्रेस शासन के बारे में) अध्याय हटाए गए हैं.कक्षा 10वीं और 11वीं की पाठ्यपुस्तकों में भी बदलाव किए गए हैं. कक्षा 10वीं की राजनीतिक विज्ञान की किताबों से ‘डेमोक्रेसी एंड डायवर्सिटी’, ‘पॉपुलर स्ट्रगल्स एंड मूवमेंट’ वाले अध्याय हटा दिए गए हैं और कक्षा 11वीं की इतिहास की किताबों से ‘सेंट्रल इस्लामिक लैंड’ और ‘कंफ्रंटेशन ऑफ कल्चर’ हटा दिए गए हैं.
इन बदलावों की पुष्टि करते हुए एनसीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस साल (2023-24) से ही पाठ्यक्रम लागू कर दिया जाएगा.
इनमें से कई बदलावों की घोषणा 2022 की शुरुआत में की गई थी, जब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अप्रैल में अपने पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाया था. सीबीएसई के तहत स्कूलों के अलावा, कुछ राज्य बोर्ड भी एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों का इस्तेमाल करते हैं.
- भारत से हज को जाने वाले यात्रियों की संख्या डेढ़ लाख के करीब पहुंच चुकी है। इस साल हज यात्रियों की संख्या 1.4 लाख को पार कर गई है। हज करने के लिए इस बार महिलाओं का सबसे बड़ा ग्रुप जा रहा है जो बिना महरम के जा रहा है। इस बार हज करने वालों के लिए सरकार ने कैशलेस तीर्थयात्रा की विशेष व्यवस्था की है। सभी हज तीर्थयात्रियों को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा एक विदेशी मुद्रा कार्ड प्रदान किया जाएगा।इस बार हज में 45 साल से ऊपर की 4300 से अधिक महिलाओं का ग्रुप यात्रा करने जा रहा है। यह महिलाएं बिना महरम (पुरुष साथी) के हज करने जा रही हैं। इस साल हज करने के लिए 1.8 लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। हज के लिए आवेदन और चयन ऑनलाइन किया गया है। चुने गए 1.4 लाख तीर्थयात्रियों में से 10,621 70 साल से अधिक आयु वर्ग में हैं। 45 वर्ष से ऊपर की 4,314 महिलाएं महरम (पुरुष साथी) के बिना यात्रा कर रही हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि महिलाओं का यह अब तक का सबसे बड़ा दल है जो बिना किसी पुरुष सदस्य के अकेले हज पर जा रहा है।हज करने वालों के लिए सरकार ने कैशलेस तीर्थयात्रा की विशेष व्यवस्था की है। यात्रियों की विदेशी मुद्रा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सभी हज तीर्थयात्रियों को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा एक विदेशी मुद्रा कार्ड प्रदान किया जाएगा। मंत्रालय ने तीर्थयात्रियों को सबसे प्रतिस्पर्धी दरों पर विदेशी मुद्रा सुविधाएं प्रदान करने के लिए एसबीआई के साथ विशेष व्यवस्था की है। पिछले वर्षों में हज समिति द्वारा प्रत्येक तीर्थयात्री को 2100 रियाल उपलब्ध कराए जाते रहे हैं। लेकिन हज नीति 2023 तीर्थयात्रियों को अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार अपनी विदेशी मुद्रा की व्यवस्था करने का विकल्प देती है। एसबीआई सभी 25 प्वाइंट्स पर स्टालों की व्यवस्था की है। यहां नोडल अधिकारी तीर्थयात्रियों को नकद या कार्ड के माध्यम से फॉरेन करेंसी कलेक्ट करने की सुविधा प्रदान करेंगे।भारत को इस साल 1.75 लाख हज यात्रियों का कोटा आवंटित किया गया है। हज नीति 2023 के अनुसार कुल कोटा में से 80% हज कमेटी ऑफ इंडिया को आवंटित किया गया है और शेष निजी हज समूह संचालकों को आवंटित किया गया है। तीर्थयात्रा के लिए पहली उड़ान 21 मई को भारत से उड़ान भरेगी।
- प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत देते हुए खरीफ-2022 के अल्पकालीन फसली ऋणों के भुगतान की अंतिम तिथि को बढ़ाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।प्रस्ताव के अनुसार, ऋण अदायगी की अंतिम तिथि को 31 मार्च, 2023 से बढ़ाकर 30 जून, 2023 अथवा ऋण लेने की दिनांक से 12 माह, जो भी पहले हो, तक बढ़ाया गया है। इस निर्णय से गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी किसानों को ऋण चुकाने के लिए अतिरिक्त समय मिल सकेगा।
- राज्य सरकार 15 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश के 1.25 लाख से अधिक किसानों को उच्च गुणवत्तापूर्ण 35 हजार क्विंटल बीज निःशुल्क उपलब्ध कराएगी। इससे लगभग 5.89 लाख क्विंटल बीज का उत्पादन होगा और किसानों को संबल मिलेगा।में गेहूं, जौ, चना, ज्वार, सोयाबीन, मूंगफली, मूंग, मोठ एवं उड़द की फसलों के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे 10 वर्ष से कम अवधि की उन्नत किस्मों की फसलों के बीजों का उत्पादन होगा। इस निर्णय से प्रदेश में उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन में वृद्धि होगी और कृषि उत्पादता बढ़ेगी। 15 करोड़ रुपए की राशि कृषक कल्याण कोष से वहन की जाएगी।उल्लेखनीय है कि राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन के अंतर्गत बीज उत्पादन बढ़ाने तथा लघु एवं सीमांत कृषकों को निःशुल्क बीज उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना की शुरूआत की गई थी।
- पुरे संभाग के डीजे बजने वाले 600 से अधिक की संख्या में मंगलवार को अपनी परेशानी को लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर एकत्रित हुए और पुलिस द्वारा लगातार अलग-अलग इलाकों में कार्यवाही कर डीजे वाहन जप्त करने का विरोध जताया। डीजे संचालक ने बताया की यह 2 महीने विशेष है जहाँ डीजे बजा के कमाई करी जा सकती है। डीजे एकमात्र ऐसा रोज़गार है, जिससे कम पढ़े लिखे लोग, जिनके पास रोजगार का कोई साधन नही है, तो वे लोग डीजे बजा सकते है । डीजे पर प्रतिबंध लगने से परिवार का पालन पोषण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या आ खड़ी हुई है। और कई लोगों ने तो अपनी जमीने बेचकर,वाहन गिरवी रखकर बैंक से लोन लेकर डीजे ख़रीदा है। परन्तु पुलिस द्वारा लगातार अलग-अलग इलाकों में कार्यवाही कर डीजे वाहन जप्त कर रही है। ऐसे में उन्होंने मांग की है की हमे कुछ रियायत दी जाए। जिसके मुताबिक हम अपना रोजगार कर सके।डीजे संचालक बताते है की हाल ही में उन्होंने रामनवमी के पर्व पर जुलूस या रैली में डीजे बजने से सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया। केवल पिक-अप डीजे पर राजस्थान की सरकार ने रोक लगायी है । बाकि अन्य प्रदेशों में डीजे बजाने पर किसी भी तरह की कोई रोक नही है ।
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- सेंसेक्स
- बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक 115 अंक की बढत के साथ 59 हजार 106 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 38 अंक की बढत के साथ 17 398 पर आ गया।
- सर्राफा
उदयपुर में दोनों कीमती धातुओं के भाव इस प्रकार रहे
सोना 22 कैरेट 1 ग्राम₹ 5644 सोना 24 कैरेट 1 ग्राम ₹ 5,926
चांदी 1 किलो बार का भाव रहा ₹₹ 77800
- मौसम
- कोटा के विभिन्न क्षेत्रों में आज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई।#झालावाड़ , #जोधपुर जिलों और आसपास के क्षेत्रों मे कहीं-कहीं पर मेघगर्जन/ आकाशीय बिजली के साथ बूंदा बांदी/ हल्की वर्षा होने की संभावना है।
- पिछले 24 घंटों के दौरान उदयपुर शहर का तापमान रहा अधिकतम 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 21 डिग्री सेल्सियस
- तो ये थीं अब तक की अपडेट्स हम फिर आएंगे और अपडेट्स लेकर बने रहिए हमारे साथ…