- हेलो फ्रेंड्स हम हाजिर हैं आज की अपडेट्स लेकर….
- राष्ट्रपति ने पंचायतों के प्रोत्साहन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया और राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किये। राष्ट्रपति ने महिलाओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से ही समाज का सर्वांगीण विकास संभव है।
- जम्मू-कश्मीर में 62 दिनों तक चलने वाली श्री अमरनाथजी यात्रा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण आज से शुरू हो गया है। यात्रा इस साल एक जुलाई से शुरू होगी और 31 अगस्त को समाप्त होगी।ऑफ़लाइन पंजीकरण देश भर में 542 बैंक शाखाओं में किया जा सकता है, जिसमें पंजाब नेशनल बैंक की 316, जम्मू-कश्मीर बैंक की 90, यस बैंक की 37 और स्टेट बैंक की 99 शाखाएँ शामिल हैं। इस वर्ष पंजीकरण में एक नई सुविधा आधार-आधारित पंजीकरण शुरू की गई है जिसमें पंजीकरण के लिए तीर्थयात्री के अंगूठे का स्कैन लिया जाएगा।दिशानिर्देशों के अनुसार, 13 से 70 वर्ष की आयु के व्यक्ति अमरनाथजी यात्रा 2023 के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं और तीर्थ यात्रा के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अनिवार्य है। छह सप्ताह या उससे अधिक की गर्भावस्था वाली महिलाओं को यात्रा करने की अनुमति नहीं है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन एक सुचारू और सुविधाजनक तीर्थ यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सभी श्रद्धालुओं और सेवा प्रदाताओं को उत्तम श्रेणी की स्वास्थ्य सेवा और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगा। तीर्थयात्रा शुरू होने से पहले दूरसंचार सेवाओं को भी शुरू कर दिया जाएगा।
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण-ट्राई ने आज नई दिल्ली में “कम क्षमता और कम दूरी के एफ.एम रेडियो प्रसारण से संबंधित मुद्दे” पर एक परामर्श पत्र जारी किया। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक नए सेवा प्रदाता की शुरूआत के लिए आवश्यकता और समय पर ट्राई से सिफारिशें मांगी थीं। ये एफएम प्रसारण सीमित स्थान और क्षेत्रों में रेडियो सेवाओं के प्रसारण का एक प्रभावी तरीका है। इसमें ड्राइव-इन थिएटर, अस्पताल रेडियो सेवाएं, मनोरंजन पार्क और व्यावसायिक परिसर शामिल हैं।
संचार मंत्रालय ने 15 मई तक संबंधित पक्षों से लिखित सुझाव आमंत्रित किए हैं। आपत्तियां 29 मई तक दी जा सकती हैं। इन्हें ईमेल आईडी advbcs-2@trai.gov.in और jtadvbcs-1@trai.gov.in पर भेजा जा सकता है। परामर्श पत्र ट्राई की वेबसाइट www.trai.gov.in पर उपलब्ध है।
- देशभर में पारा तेज़ी से ऊपर जा रहा है और ‘प्रचंड गर्मी‘ लोगों को परेशान कर रही है.
- कई शहरों में तापमान अप्रैल में ही 40 डिग्री पार कर चुका है
- बढ़ती गर्मी और लू की वजह से लोगों के बीमार होने की ख़बरें भी आ रही हैं.
- रविवार को महाराष्ट्र में एक सरकारी समारोह के दौरान लू लगने से 12 लोगों की मौत
- मौसम विभाग ने गुरुवार को चेतावनी जारी कर बताया कि अप्रैल से जून के बीच अधिकतम तापमान सामान्य से ज़्यादा रहेगा.
- मैदानी इलाक़े में तापमान 40 डिग्री, तटीय इलाक़ों में 37 डिग्री और पहाड़ी इलाक़ों 30 डिग्री अधिकतम तापमान होने पर ‘हीट वेव‘ कही जाती है.
- 2023 में भारत में 1901 के बाद से फरवरी का महीना सबसे गर्म रहा.
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गर्मी बढ़ने के साथ दोपहर के वक़्त बाहर निकलने को मजबूर कामकाजी लोगों, छात्रों और खुले में रहने वाले लोगों के लिए दिक्कतें बढ़ गई हैं. डॉक्टरों के मुताबिक कुछ सावधानियों के जरिए लोग ख़ुद को सुरक्षित रख सकते हैं. डॉक्टरों से बातचीत के आधार पर बीबीसी हिंदी ने ये आलेख बीते साल (1 मई 2022) को पहली बार प्रकाशित किया था.
अगर गर्मी है, तो सबके लिए है. मौसम की नज़र में सब लोग बराबर हैं. लेकिन मौसम की तपिश का असर सभी पर एक सा नहीं होता.
कुछ लोगों के पास गर्मी से राहत पाने के साधन होते हैं लेकिन कुछ के पास इसकी कमी होती है. वहीं, सबका स्वास्थ्य भी एक जैसा नहीं होता है इसलिए असर भी अलग-अलग होता है.लेकिन, ऐसी ज़रूरी सलाह जिससे ‘हीट वेव’ के दौरान आप ‘हीट स्ट्रोक’ की चपेट में आने से बच सकते हैं. यानी सामान्य से अधिक तापमान के दौरान ख़ुद को लू से बचा सकते हैं.
डॉक्टर बताते हैं कि गर्मी में सबसे ज़्यादा ज़रूरी है, अपने शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनाए रखना. पसीना आने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का ह्रास होता है. इसके लिए बाजार में कई तरह के इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन मिलते हैं, लोग इसे ले सकते हैं.
इसके अलावा मौसमी फलों जैसे कि तरबूज इसका बहुत अच्छा स्रोत है. इसका सेवन करना चाहिए. बने-बनाए ओआरएस अपने पास रख सकते हैं. नींबू पानी, नारियल-पानी और वैसे फल ज़्यादा से ज़्यादा खाने चाहिए जिनमें पानी की मात्रा होती है. इसके साथ ही मौसमी सब्जियों का सेवन शरीर को ठीक रखने के लिए ज़रूरी है.
अगर बजट में जूस फिट नहीं बैठता हो और बने-बनाए ओआरएस ख़रीदने की स्थिति में नहीं हों तो नमक-चीनी का घोल बेहद ज़रूरी हो जाता है. यह आसानी से बनाया भी जा सकता है और इसमें ख़र्चा भी नहीं है.
वहीं, छाछ भी अच्छा विकल्प है क्योंकि इससे पोटाशियम मिल जाता है. शरीर में सोडियम और पोटाशियम सॉल्ट की मात्रा का संतुलन रहना बेहद ज़रूरी होता है. धूप में बाहर निकलने और पसीना आने की स्थिति में शरीर के लिए ये दोनों तत्व अहम हो जाते हैं. हालांकि, जो लोग किडनी या दिल की बीमारी से ग्रसित हैं, वे डॉक्टर की सलाह से ही कोई उपाय अपनाएं.
इस समय देश के कई इलाक़े ‘हीट वेव’ या लू की चपेट में हैं.
मैदानी इलाक़ों में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक या सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है तब लू जैसे हालात की घोषणा की जाती है.गर्म हवाओं को लू कहा जाता है. ऐसी स्थिति में बाहर निकलने से शरीर में नमी की मात्रा कम होने लगती है.सबसे बड़ी चीज़ तो यह है कि अगर लू चल रही हो तो बाहर निकलने से जितना बच सकते हो बचें. काम का समय बदल लें. दोपहर 12 बजे से लेकर शाम चार बजे तक खुले में निकलने से बचें.
हालांकि, हर कोई ऐसा नहीं कर सकता है क्योंकि गर्मी के साथ-साथ रोजी-रोटी का भी सवाल है. तो ऐसे में लोगों को गर्मी और लू की चपेट में आने से बचने के लिए कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए.
गर्मी से बचने के लिए हल्के रंग के कपड़े पहनकर निकलें ताकि वो ज़्यादा गर्मी ना सताए.
सूती कपड़े पहनना भी अच्छा विकल्प है. जो लोग शारीरिक रूप से थकने वाला काम ज़्यादा करते हैं, उन्हें ओआरआस ज़रूर पीना चाहिए.
ओआरएस नहीं उपलब्ध हो तो सादे पानी में चीनी-नमक का घोल बनाकर पीते रहें ताकि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बना रहे. नींबू पानी और छाछ बेहतर विकल्प हैं.
सिर में दर्द, बहुत ज़्यादा पसीना आना, चक्कर आना, मांस पेशियों में खिंचाव, मितली जैसा महसूस होना इसके अहम लक्षण हैं.
अगर किसी को ऐसा महसूस हो तो तुरंत छांव या ठंडे स्थान में जाएं. पंखे या एसी में जा सकते हैं तो बेहतर है. पेड़ की छाया में भी बैठ सकते हैं. पानी और ओआरएस पी सकते हैं.
अगर किसी को लग रहा हो कि उसके शरीर से पसीना आना बंद हो गया है और बुखार, चक्कर आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए. डॉक्टरों की सलाह पर ही दवाई लें. गर्भवती महिलाओं को यह कोशिश करनी चाहिए कि वह घर से बाहर न निकलें. अगर निकलें तो पानी की बोतल अपने साथ रखें. अगर आप धूप में बाहर रह गए तो इसका असर रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) पर पड़ता है.
ऐसे में शरीर के अंदर एक तरह की अस्थिरता आ जाती है. अगर गर्भवती महिला की स्थिति गंभीर हो जाती तो इसका असर बच्चे पर भी पड़ता है.अगर बच्चे स्कूल या बाहर जा रहे हैं तो उनके अभिभावकों को ख़ास ध्यान रखने की ज़रूरत है क्योंकि बच्चे लू लगने के लक्षण को पहचान नहीं पाते हैं. बच्चे खेलने में लगे रहते हैं.
उनको बिना छाते के बाहर नहीं निकलने देना चाहिए और पानी की पर्याप्त मात्रा की ज़रूरत हर किसी पर लागू होती है तो यह ध्यान रखें कि बच्चे पर्याप्त मात्रा में पानी पी रहे हैं या नहीं.
हर मौसम का असर हमारी त्वचा पर होता है लेकिन गर्मी में इसकी तासीर कुछ ज़्यादा ही महसूस की जा सकती है. धूप में निकलते ही इसका सबसे पहला वार हमारी त्वचा ही बर्दाश्त करती है.
गर्मी में शरीर में पानी का बना रहना (हाइड्रेट) बहुत ज़रूरी होता है और भागदौड़ की ज़िंदगी में लोग अमूमन इसका ध्यान नहीं रख पाते हैं.
ऐसे में आपकी त्वचा आपसे रूठ जाती है और ये स्थिति रूखेपन, जलन समेत चेहरे के रंग में अंतर के ज़रिए होती है और कभी-कभी तो सनबर्न जैसी स्थिति हो जाती है. गर्मी में चेहरा मुख्य तौर पर रूखा हो जाता है. इससे बचने के लिए सबसे जरूरी होता है कि सुबह अपना चेहरा धोने के बाद हमें मॉइश्चराइज़र लगाना चाहिए. लोग यह मानते हैं कि गर्मी में मॉइश्चराइज़र की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन ऐसा नहीं है.
वहीं, अगर कोई घर में एयर कंडिश्नर में रहता है, फिर बाहर धूप में निकलता है और फिर दफ़्तर में बैठकर एयर कंडिश्नर की हवा में काम करता है तो उनके लिए मॉश्चराइजर का एक बेस अपने चेहरे पर लगाना जरूरी होता है. इससे आप एसी और धूप दोनों की ड्रायनेस से बच सकते हैं.
मॉइश्चराइजर और सनस्क्रीन लगाने के बीच थोड़ा अंतराल रखें. वहीं, अगर हम धूप में बाहर जा रहे हैं तो कम से कम 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाना चाहिए. जिन लोगों की त्वचा ऑयली है, वो वॉटर बेस्ड सनस्क्रीन लगाएं, जिनकी मिक्स है वो जैल बेस्ड लगाएं और जिनकी रूखी त्वचा है, वो क्रीम बेस्ड सनस्क्रीन लगा सकते हैं. अब बात आती है कि आप किस तरह का सनस्क्रीन इस्तेमाल करें.
बाज़ार में इसे ख़रीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसमें एसपीएफ (सन प्रोटेक्शन फैक्टर) का लेवल क्या है? आपको यह ध्यान रखना है कि इसका लेवल 40 से ज़्यादा हो. कम से कम 30 से ज़्यादा तो होना ही चाहिए. यह भी जैल बेस्ड या मैट फिनिश होना चाहिए.
अगर बजट के हिसाब से सनस्क्रीन सही नहीं बैठती है तो लैक्टो कैलामाइन लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह थोड़ा सस्ता पड़ता है. लेकिन, कई लोग इसे भी ख़रीदने की स्थिति में नहीं होते. तो वह परंपरागत चीज़ों का सहार ले सकते हैं और ये कारगर भी रहता है. चेहरे को सूती कपड़े से ढकें. रूमाल का इस्तेमाल करें. बिना छाता लिए बाहर न निकलें. कैप पहनें. पूरी बांह के कपड़े पहनने चाहिए और चेहरे को साफ पानी से धोएं.
सबसे पहली बात तो शरीर को तापमान के अनुकूल बनने में समय लगता है. अचानक तापमान में बदलाव शरीर के लिए नुकसानदायक होता है. इसके लिए एक शब्द इस्तेमाल किया जाता है-ट्रांजिशन.
जैसे कि आप कार से कहीं जा रहे हैं और आपको पता है कि वहां एसी नहीं है तो वहां पहुंचने से तीन-चार मिनट पहले ही अपने कार का एसी बंद कर दें. इसे आम भाषा में सर्द-गरम कहा जाता है और इससे कई बार एलर्जी भी हो जाती है. कई बार रक्तचाप में उतार-चढ़ाव हो जाता है और यह इम्युनिटी के लिए भी सही नहीं है.
भारत के किसी भी शहर में चले जाएं, वहां लोग ये कहते हुए मिल जाएंगे, “ऐसा पहले नहीं होता था. जब हम बच्चे थे, इतनी गर्मी नहीं होती थी.”आपने लोगों को यह भी कहते हुए अक्सर सुना होगा, “मैं पहले भी इस शहर में आ चुका हूं, लेकिन उस वक़्त इतनी गर्मी नहीं थी. इस साल काफी भीषण गर्मी है.”
आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है और इसकी वजह क्या है, इस पर सोचने की ज़रूरत है.कुछ लोगों का कहना है कि इस बार की गर्मी ग्लोबल वार्मिंग की वजह से अधिक भीषण होगी.
भारतीय शहरों का स्वरूप पिछले कुछ दशकों में काफी बदला है. यहां की हरियाली में दिनों-दिन कमी आ रही है. धड़ल्ले से पेड़ काटे जा रहे हैं. इमारतों की संख्या बढ़ रही है. घरों में एसी का इस्तेमाल बढ़ रहा है. पक्की सड़कों का विस्तार तेज़ी से हो रहा है. और यही वजह है कि तापमान भी उसी रफ़्तार में बढ़ रहा है.
ऐसे में शहर को अब ‘अर्बन हीट आइलैंड’ या फिर ‘हीट आइलैंड’ कहा जाने लगा है. अगर हवा की गति कम है तो शहरों को अर्बन हीट आइलैंड बनते आसानी से देखा जा सकता है.
शहरों में जितनी ज़्यादा जनसंख्या होगी, हीट आइलैंड बनने की गुंज़ाइश उतनी ही ज़्यादा होगी. जब हम शहरों की सीमा पार करते हैं, हमें राहत महसूस होती है.
शहरों में बढ़ते निर्माण कार्यों और उसके बदलते स्वरूप के चलते हवा की गति में कमी आई है.
“हरियाली वाले क्षेत्र कम हो रहे हैं. टार की सड़कों का विस्तार हो रहा है. यही वजह है कि तापमान तेज़ी से बढ़ रहा है. एक अध्ययन में पाया कि शहरों के अधिकतम तापमान में वृद्धि हुई है.”
“यूरोप में न्यूनतम तापमान बढ़ रहा है. अधिकतम तापमान में भी वृद्धि हो रही है.”
“तापमान वृद्धि में ग्लोबल वार्मिंग एक वजह ज़रूर है, लेकिन अगर हम शहरों का अध्ययन करें तो हमें पता चलता है कि जमीन का बदलता उपयोग भी इसकी बड़ी वजह है.”
“तारकोल की सड़क और कंक्रीट की इमारत ऊष्मा को अपने अंदर सोखती है और उसे दोपहर और रात में छोड़ती है. नए शहरों के तापमान तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले से बसे महानगरों की तुलना में ये ज़्यादा तेज़ी से गर्म हो रहे हैं.”
तापमान को देखने से पहले हमें हवा के रुख को भी देखना चाहिए. अगर हवा राजस्थान की तरफ से आ रही है तो ज़ाहिर सी बात है ये ज़्यादा गर्म होगी.
अगर तूफान की दिशा बदल जाती है तो शहरों का तापमान भी बदल जाता है. जैसे की इन दिनों फणी चक्रवात की वजह से उत्तर और मध्य भारत के शहरों का तापमान बदला है. कई जगहों पर इसकी वजह से बारिश भी हुई हैं.
मुंबई और पुणे के बीच कई शहर बस गए हैं, जहां लंबी-लंबी इमारते खड़ी कर दी गई हैं. पहले समुद्री हवाएं बिना रोक-टोक के मुंबई से पुणे पहुंच जाती थीं, लेकिन अब उनकी दिशा बदल गई है.
वो कहते हैं, “50 साल पहले पुणे में हम लोगों को पंखे की ज़रूरत नहीं होती थी, लेकिन अब हवाओं का रुख बदला है, जिसकी वजह से शहर दिनों दिन गर्म होता जा रहा है.”
“हमें बदलते मौसम के अनुसार अपना खाना-पीना और कपड़े पहनने का तरीका बदलने की ज़रूरत होती है. ऐसे हादसे इसलिए भी होते हैं क्योंकि हम अपनी ज़िंदगी में ज़रूरी बदलाव नहीं करते.”
“राजस्थान में अमूमन तामपान 45 डिग्री सेल्सियस होता है लेकिन लेकिन वहां लोग सिर ढंके बिना बाहर नहीं निकलते. वहां पीने का पानी हर जगह मौजूद होता है. वो पानी पीने के बाद ही घर से बाहर निकलते थे. वो लोगों को जबरन पानी पिलाते हैं. उन्होंने गर्मियों के मुताबिक अपनी जीवनशैली में ज़रूरी बदलाव भी किए हैं.”
“बाकियों को उनसे सीखना चाहिए. अगर उत्तर भारत में आप धूल भरी आंधी के वक़्त घर से बाहर निकलते हैं तो निश्चित तौर पर ख़तरे में होंगे. इसलिए आपको सारी चीज़ें सोचने-समझने के बाद ही घर से बाहर निकलना चाहिए.”
एक वैश्विक विश्लेषण से पता चला है कि साल 1980 के बाद से हर एक साल के उन बेहद गर्म दिनों की संख्या, जब तापमान 50 सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है, दोगुनी हो चुकी है.पहले के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा बड़े इलाके में तापमान इस स्तर तक पहुंचने लगा है. ये स्थिति इंसानों की सेहत और जीने के तरीके को लेकर अभूतपूर्व चुनौती पेश कर रही है.
साल 1980 के बाद से हर दशक में 50 सेंटीग्रेड से ज़्यादा तापमान वाले दिनों की संख्या बढ़ी है. साल 1980 से 2009 के बीच औसतन हर साल ऐसे करीब 14 दिन रहे हैं, जब तापमान 50 के पार गया हो.
साल 2010 से 2019 के बीच ऐसे दिनों की संख्या बढ़कर 26 हो गई.
50 सेंटीग्रेड से कम तापमान रहने पर भी ज़्यादा गर्मी और उमस स्वास्थ्य के लिए बड़ा ख़तरा पैदा कर सकती है.
अमेरिका की यूनिवर्सिटी के बीते साल प्रकाशित हुए एक अध्ययन के मुताबिक अगर ग्लोबल वार्मिंग का मौजूदा स्तर बना रहा तो साल 2100 तक दुनिया भर के करीब 1.2 अरब लोग हीट स्ट्रेट का सामना कर रहे होंगे. आज जितने लोगों इसके असर में हैं, ये संख्या उसके कम से कम चार गुना है.
आसपास की स्थिति बदलने की वजह से लोगों के सामने चुनाव के लिए मुश्किल हालात हैं. ज़्यादा गर्मी होने के कारण सूखा और जंगल में आग लगने की घटनाएं बढ़ेंगी. रेगिस्तानी इलाके बढ़ने के लिए दूसरे कारण भी ज़िम्मेदार हो सकते हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन इसका एक अहम कारण है.
- उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने देश में अरहर और उड़द के भंडार की वास्तविक मात्रा घोषित करने का निर्देश दिया है। केन्द्र ने राज्य सरकारों और जिला प्रशासनों को भंडारों का सत्यापन करने का निर्देश दिया है।
- #मेक्सिको : गुआनाजुआतो प्रांत में बंदूकधारी ने सार्वजनिक स्वीमिंग पूल में लोगों पर गोलियां चलाई, 7 लोगों की मौत 28 लोग घायल हुए
सीनियर टीचर पेपर भर्ती लीक मामले के मास्टर माइंड और उसके साथी की सोमवार को उदयपुर एडीजे-1 कोर्ट में पेशी हुई। जहां से कोर्ट ने आरोपी की 2 दिन रिमांड अवधि बढ़ाते हुए 19 अप्रैल को पेश करने को कहा है। वहीं, आरोपीकी गर्लफ्रेंड को 24 अप्रैल तक रिमांड पर भेज गया है।आरोपीकी गर्लफ्रेंड की जमानत याचिका पर भी सुनवाई हुई, जिस पर मंगलवार को फिर से सुनवाई होगी।
उदयपुर के कोटड़ा थाना क्षेत्र के पाथरपाड़ी गांव में नदी किनारे संदिग्ध हालत में युवक का शव से सनसनी फैल गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कोटड़ा हॉस्पिटल में पहुंचाया गया। शव की पहचान पाथरपाड़ी निवासी 22 वर्षीय युवक के रूप में की गई। मामले में मृतक के परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए शव लेने से मना कर दिया।
पुलिस की समझाइश के बाद शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका।
पुलिस ने कई बार समझाइश की लेकिन परिजन शव को लिए बिना ही वहां से रवाना हो गए। मामले में मंगलवार को फिर से समझाइश की जाएगी। फिलहाल शव कोटड़ा हॉस्पिटल में ही रखा है। जहां एहतियात के तौर पर एसआई को तैनात किया गया है।
दो वर्षीय बीएड एवं चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए-बीएड एवं बीएससी/बीएड कोर्स में प्रवेश के लिए पीटीईटी परीक्षा-2023 हेतु इच्छुक आवेदक अब आगामी बुधवार, 19 अप्रैल, 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। बांसवाड़ा स्थित गोविंद गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय द्वारा आगामी 21 मई, 2023 (रविवार) को प्रदेशभर में पीटीईटी परीक्षा-2023 का आयोजन किया जाएगा। विश्वविद्यायल प्रशासन ने आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाने के आदेश जारी कर दिये हैं।
पूर्व निर्धारित आवेदन की अंतिम दिनांक 15 अप्रैल तक विभिन्न श्रेणियों में कुल 4 लाख 58 हजार 330 अभ्यर्थियों के ऑनलाइन आवेदन विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए। परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट https://www.ggtu.ac.in पर जाकर परीक्षा से संबंधित शैक्षणिक योग्यता, परीक्षा शुल्क सहित अन्य सभी प्रकार की जानकारियां हासिल कर सकते हैं एवं आगामी बुधवार, 19 अप्रैल, 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका ऋण योजना के तहत गैर कृषि कार्यों के लिए 1.50 लाख परिवारों को 3000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि पात्र आवेदक को केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा 25 हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
सहकारिता मंत्री ने सोमवार को सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तैयार राजस्थान सहकारी ग्रामीण परिवार आजीविका योजना के लिए ऋण आवेदन पोर्टल का शुभारंभ किया.
सहकारिता मंत्री ने कहा कि राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका ऋण योजना के तहत गैर कृषि कार्यों के लिए 1.50 लाख परिवारों को 3000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि पात्र आवेदक को केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा 25 हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
उदयपुर के सुखेर थाना क्षेत्र मे मौजूद पारस हेल्थ सेंटर मे इलाज के लिए भरती कराए गए 18 महीने के बच्चे की मौत होने के बाद उसके परिजनों ने हॉस्पिटल परिसर के बाहर जम कर प्रदर्शन किया।
परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और हॉस्पिटल पर बच्चे के शव नही देने का आरोप लगाया। परिजनों से 1.63 लाख रूपए के बिल के भुगतान करने की मांग करते हुए शव लौटाने की बात कहीं थी।
मृतक बच्चे के परिजन ने बताया की उसकी भतीजे के बच्चे कों घर मे गिर जाने से घायल होने के बाद हॉस्पिटल मे लाया गया था, जब भर्ती करवाया गया तब हॉस्पिटल प्रशासन ने 40 हज़ार रूपए जमा करवाने कों कहा था जिसकी जगह घर वालों ने 50 हज़ार रूपए जमा करवाए गए। परिजनों ने बताया कि डॉक्टर्स की लापरवाही से बच्चे की दौराने इलाज मौत हो गई, इसके बावजूद जब परिजनों ने शव ले जाने कों कोशिश की तो हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा बिल का भुगतान करने के बाद ही शव ले जाने कों बात कहीं गई। इसी बात से नाराज मृतक के परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और हॉस्पिटल के बाहर जम कर प्रदर्शन किया।
उदयपुर में एक बार फिर कोरोना ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। कल की रिपोर्ट में जहाँ 32 पॉजिटिव मिले थे वहीँ आज 47 कोरोना पॉजिटिव मिले। आज कोविड के 523 सैम्पल लेकर जाँच की गयी जिसमें 47 पॉज़िटिव एवं एवम 476 नेगेटिव पाए गए। 47 पॉज़िटिव कोरोना रोगियों में से 44 शहरी क्षेत्र में पाए गए जिसमें से 39 नये, 4 पूर्व में पॉजिटिव पाए गए लोगों के क्लोज़ कांटैक्ट तथा 1 कोरोना वारियर्स है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र में पाए गए 3 पॉजिटिव लोगों में से सभी नए रोगी है। अब तक कुल 76473 पॉज़िटिव कोरोना मरीज सामने आए,जिसमें से 75689 मरीज स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज्ड हो चुके है। इसके अतिरिक्त 204 होम आइसोलेशन में तथा 211 कुल ऐक्टिव रोगी है। यानि 7 मरीज़ अस्पताल में भर्ती है। वहीँ आज 16 मरीज़ो की रिकवरी भी दर्ज की गई है।
शहर में संचालित होने वाली नगर निगम की सिटी बसों के पहिए कल रविवार दोपहर बाद से थमे हुए हैं। बसों के चालक व परिचालक अपनी सुरक्षा को मांग को लेकर हड़ताल कर रहे है।
हड़ताल कर रहे सिटी बस के चालकों परिचालकों ने बताया कि ऑटो चालकों द्वारा सिटी बसों के चालक व परिचालक के साथ आए दिन मारपीट की जाती है जिस पर प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में परेशान सिटी बसों के चालकों परिचालक रविवार दोपहर से सभी सिटी बसों को रेती स्टैंड स्थित गेराज पर खड़ी कर रखी है। चालक और परिचालकों की मांग है कि जब तक हमारी सुरक्षा को लेकर प्रशासन की ओर से कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता है तब तक हड़ताल जारी रहेगी ।तो वहीं दूसरी ओर जब से सिटी बस चालक हड़ताल पर उतरे हैं सबसे ऑटो संचालक मनमाने तरीके से ऑटो में बैठने वाले पैसेंजर से पैसे वसूल कर रहे हैं। देखा जाए तो कहीं ना कहीं हड़ताल से आम जन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है ।
दरअसल 2 दिन पूर्व प्रताप नगर थाना क्षेत्र के देबारी पुलिए के पास सवारी को बिठाते समय ऑटो चालकों ने बस मे घुस कर चालक और परीचालक ले साथ मारपीट की, वहां बात जैसे तैसे निपटी तो सुंदरवास के पास पहुँचने पर स्टैंड पर रुकने पर करीब 50-60 ऑटो रिक्शा चालकों द्वारा फिर से बस के चालक और परिचालक के साथ मारपीट की गई जिसमे उन्हें गंभीर चोट आई। इस मामले कों लेकर प्रताप नगर थाने मे रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई हैं लेकिन सिटी बस चलाकों का कहना हैं की पुलिस द्वारा इस मामले मे कोई ठोस कार्यवाही नही की गई हैं। इसके पूर्व भी करीब 1 महीने पहले सूरजपोल इलाके मे बस चालक खुशपाल सिंह के साथ भी ऑटो चालक द्वारा मारपीट की गई थी और उसके सर पर चाकू से हमला भी किया गया था। इन्ही सारी घटनाओं से परेशान हो कर सिटी बस चालकों ने रविवार दोपहर से हड़ताल कर दी और सुरक्षा कों मांग कर रहे है।
उदयपुर संभाग में डीजे को लेकर लगातार पुलिस कार्रवाई से परेशान डीजे संचालकों ने सोमवार को एक बार फिर जिला प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत कराया।
इसके बाद प्रशासन ने सभी को आश्वासन दिया है कि सिर्फ शादी पार्टी में आपके डीजे का संचालन किया जा सकेगा जिसके बाद सभी डीजे संचालकों ने प्रशासन का आभार जताया। साथ ही बताया कि लंबे समय से डीजे का व्यापार करें व्यापारी डीजे के संचालन को लेकर परेशान हो रहे थे लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें राहत दी है जिससे अब हम व्यापार कर पाएंगे।
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- सेंसेक्स
- बम्बई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक आज 520 अंक घटकर
59 हजार 910 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफटी भी 121अंक घटकर
17 हजार 706 पर पहुंच गया। - सर्राफा
उदयपुर में दोनों कीमती धातुओं के भाव इस प्रकार रहे
सोना 22 कैरेट 1 ग्राम₹ 5709 सोना 24 कैरेट 1 ग्राम ₹ 5994
चांदी 1 किलो बार का भाव रहा ₹₹ 81600
- मौसम
- पश्चिम बंगाल, बिहार और तटीय आन्ध्र प्रदेश में अगले चार से पांच दिन के दौरान लू चलने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार पंजाब और हरियाणा में कुछ स्थानों पर अगले दो दिन लू की स्थिति रहने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत और पडोसी मध्य प्रदेश तथा पूर्वी भारत के अधिकतर मैदानी क्षेत्रों में अधिकमत तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहेगा। उत्तर पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहेगा।
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देशभर में आने वाले समय में गर्मी और बढ़ेगी. लू के भी चलने की संभावना है. मौसम विभाग ( ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है. अगले तीन-चार दिनों में बिहार में भीषण गर्मी की स्थिति रहने की संभावना है. बिहार (Bihar) के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश में भी लू चलने की संभावना है. कोलकाता सहित दक्षिण बंगाल के सभी जिलों में गुरुवार तक लू की स्थिति बनी रहेगी. मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में बने पश्चिमी विक्षोभ से मंगलवार से उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी से कुछ राहत मिलेगी. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में 18 से 20 अप्रैल के दौरान अलग-अलग हल्की बारिश होने की संभावना है. 18 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश का अनुमान है। वहीं हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड में 18-19 अप्रैल को भारी वर्षा की संभावना है. मौसम विभाग के अनुसार अगले दो-तीन दिन में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में भी कहीं-कहीं ओलावृष्टि हो सकती है.
मुंबई और महाराष्ट्र के कई हिस्से भी लू की चपेट में हैं। ठाणे वेधशाला ने कल अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।
- पिछले 24 घंटों के दौरान उदयपुर शहर का तापमान रहा अधिकतम 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस
- तो ये थीं अब तक की अपडेट्स हम फिर आएंगे और अपडेट्स लेकर बने रहिए हमारे साथ…