- हेलो फ्रेंड्स, हम हाजिर है आज की अपडेट्स लेकर …
- निकुंभ थाना क्षेत्र में एक भीषण सड़क हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई। 7 घायल हुए हैं मध्यप्रदेश के रतलाम के समीप ताल क्षेत्र में आख्या कला गांव के 17 लोग शनिवार दोपहर सांवलिया जी दर्शन के लिए निकले। जहां कार निकुंभ थाना क्षेत्र में सादलर खेड़ा के समीप ओवरटेक करने के प्रयास में एक ट्रेलर में जा घुसी ।यात्रियों से खचाखच भरी कार चकनाचूर हो गई जिसमें 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। घायलों को नजदीक के अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से रात 10:00 इन घायलों में से 5 को सामान्य चिकित्सालय लाया गया। हादसे में गंभीर रूप से घायल तीन लोगों की देर रात को मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर जिला मुख्यालय से प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।
- देश में कोविड-19 संकमण से स्वस्थ होने की दर बढ़कर94.93% हो गई है। पिछले 24 घंटे में 33,000 से अधिक लोग स्वस्थ हुए हैं इनके साथ ही स्वस्थ होने वालों की कुल संख्या 93 लाख 57 हजार तक हो गई है। पिछले 24 घंटे में 30,254 नए मामले सामने आए हैं। इनके साथ देश में कुल संक्रमित मामलों की संख्या 98,57,029 हो गई है ।
- अमेरिका में कल से कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण के व्यापक अभियान की शुरुआत होगी ।अमेरिकी सरकार ने इसकी मंजूरी दी है। अमेरिका में इस महामारी से अब तक लगभग 3 लाख लोगों की इस संकमण से मौत हो चुकी है। इस कार्यक्रम के अनुसार वहां सभी प्रांतों के लगभग डेढ़ सौ वितरण केंद्रों में फाइजर के टीकों की डिलीवरी की जाएगी और मंगलवार को और 425 स्थानों पर टीके भेजे जाएंगे बुधवार को शेष 66 स्थानों पर टीके पहुंच जाएंगे ।सबसे पहले टीके स्वास्थ्य कर्मियों को लगाए जाएंगे फिर कोविड-19 रोगियों को ये टीके लगाए जाएंगे। ऐसी आशंका है कि छुट्टियों के कारण लोगों के इकट्ठा होने से संक्रमण की स्थिति और बिगड़ सकती है ऐसे में यह एक आशा की किरण होगी।
- क्वेरी
सर्दियों में किस तरह कोरोना का प्रभाव रहेगा?
विशेषज्ञ बताते हैं कि कई अन्य देशों में सर्दियों के मौसम में कोरोना का प्रभाव काफी खतरनाक हुआ है ।इसलिए हमारे देश में सभी को सारी सावधानियां बरतनी है, और ढील नहीं देनी है। कोरोना को उतना ही गंभीरता से ले जितना गर्मी के मौसम में ले रहे थे। - देश में कोरोना की वर्तमान स्थिति किस प्रकार है?
जानकार बताते हैं जून-जुलाई के बाद प्रतिदिन एक लाख के करीब मामले आ रहे थे। अब 30,000 के आसपास हैं ।कई राज्यों में इंफेक्शन रेट काफी कम है रिकवरी रेट अच्छी हो गई है। आईसीयू एडमिशन भी कम हो गए हैं। लेकिन समस्या यह है कि लोग लापरवाह हो रहे हैं जो काफी खतरनाक साबित हो सकता है। अतः नियमित रूप से मास्क लगाएं, दूरी रखें और हाथ धोते रहें। - क्या वैक्सीन ही एकमात्र विकल्प है?
विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी वैक्सीन को बनाने में तीन चीजें देखी जाती है। पहला कि वह सुरक्षित है या नहीं। दूसरा कितना प्रभावी है। और तीसरा उसके लोंग टर्म इफेक्ट क्या है। कोविड के सभी कैंडिडेट्स जिन्हें स्वीकृति मिल रही है वह पहले दो पर खरी उतरी है लेकिन क्योंकि कोरोना मात्र 1 साल पुराना वायरस है इसलिए इसके लोंग टर्म इफेक्ट पता नहीं चले हैं इसके लिए कई वर्षों तक डाटा एकत्र किया जाता है। अब हम कोरोना की वैक्सीन के लिए डाटा का इंतजार नहीं कर सकते, इसलिए इमरजेंसी अप्रूवल दिया जा रहा है। - लोग मानसिक उलझन ओं के शिकार हैं ,क्या यह कोरोना का साइड इफेक्ट है?
विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना का मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है यह बात शोध से भी साबित हुई है। लेकिन यह प्रभाव सिर्फ शुरू में पड़ता है बाद में नहीं। संक्रमण के दौरान सूघने ने या स्वाद की क्षमता खत्म हो जाती है, यह मस्तिष्क पर प्रभाव की वजह से ही है वहीं कुछ मरीजों में मसल पैरालिसिस स्ट्रोक की समस्या आई। अगर मानसिक उलझन की बात करें तो यह कोविड-19 मे ही नहीं बल्कि किसी भी वायरल बीमारी पर हो सकती है। कोरोना मैं उलझन ज्यादा इसलिए है क्योंकि मरीज सोचता रहता है कि मैं ठीक हो पाऊंगा या नहीं। - इन दिनों आईसीयू यूनिट में मरीजों की देखभाल देखभाल करने वाले डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए जल्दी और गंभीर बीमार होना या घंटों तक काम करते रहना या बीमारी से मौत हो जाना एक कड़वी सच्चाई बन चुकी है। कोविड-19 में स्वास्थ्य कर्मियों की स्थिति भी बिगड़ रही है और वक्त के साथ शारीरिक थकान और मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है। देश में कौविड का प्रकोप लगभग सब जगह है। अस्पतालों में मरीजों की एक बड़ी संख्या है। अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या भी बढ़ाई गई लेकिन उतनी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या नहीं हुई कि जो इतनी अधिक संख्या में आ रहे कोरोना मरीजो की देखभाल कर सकें। ऐसे में अस्पतालों ने हर समय डॉक्टर को उपलब्ध रहने के लिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी। लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं हुई ।स्वास्थ्य कर्मी कहते हैं कि वह पूरी तरह से थक चुके हैं। सर्दी का मौसम आने के साथ ही मरीजों की संख्या भी बढ़ी है और महामारी की वजह के अलावा एक अप्रत्याशित और जानलेवा रोग का डर भी स्वास्थ्य कर्मियों को तनावपूर्ण बना रहा है। जैसे ही सांस की तकलीफ के साथ कोई मरीज इमरजेंसी में एडमिट होता है तो एक बार उसे कोविड-19 का मरीज मान लिया जाता है। जबकि हो सकता है कि उसे कोई और तकलीफ हो वही इन सभी को देखते हुए डॉक्टर और नर्सों को भी सावधानी बरतनी होती है। टेस्ट लेना और उसकी जांच का परिणाम आज आने तक डॉक्टर्स को बेहद सावधान रहना होता है। यह परेशान करने वाली स्थिति होती है। डॉक्टर और नर्स कई घंटों तक लगातार काम कर रहे हैं। हाथों में ग्लव्ज और पीपीई किट पहन कर काम करते हुए बड़ा मुश्किल दिन गुजरता है। घंटों रबड़ के दस्ताने पहने रहना उनके हथेलियों को बुरी तरह परेशान करता है। कई लोग अपने घर और परिवार से नहीं मिले होते हैं। इसके बाद भी हर बार काम करने के बाद छुट्टी पर जाने पर क्वॉरेंटाइन होना होता है और काम पर लौटने से पहले उन्हें टेस्ट कराना होता है। यह बहुत अलग और अजीब सा होता है। देश में अब तक कोरोना के कारण लगभग 660 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर अस्पतालों में ही काम कर रहे थे। डॉक्टर बताते हैं कि उन्हें तब बड़ी तकलीफ होती है जब वे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को मास्क पहन निश्चित हो शादी समारोह में जाते देखते हैं ऐसे कि जैसे महामारी खत्म हो गई हो ।स्वास्थ्य कर्मी इस बात से भी अब परेशान हो चुके हैं कि उन्हें इस काम के लिए योद्धा के तौर पर देखा जा रहा है वे कहते हैं कि हम उस दौर से आगे निकल चुके हैं जब हमें कोई हीरो कहता है तो हमें लगता है कि अब इसे बंद करें। मोटिवेशनल लेक्चर की भी एक सीमा होती है। यह एक मैराथन है ना कि छोटी रेस ।थकान और उससे उबरने की कोशिश हमारी इस व्यवस्था का हिस्सा बन चुके हैं। ऐसे में सहन शक्ति बढ़ाने की बजाय हमें उन तरीकों के बारे में सोचने की जरूत है कि बड़ी-बड़ी उम्मीदे ना बांधी जाए। ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह सभी को सुरक्षित रखें और एक दिन हम सभी मिलकर इस वायरस पर विजय पा जाएंगे।
- ऑस्ट्रेलिया में टायल फेज के दौरान कोरोना वैक्सीन का एक जबरदस्त साइड इफेक्ट सामने आया है ।5 दिन के अंदर कई ट्रायल में शामिल 7 से 10 फ़ीसदी लोगों में एचआईवी एंटीबॉडी विकसित होने की बात सामने आई है। इसके बाद पूरे देश में वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया गया है। इंग्लैंड में चल रहे फाइजर वैक्सीन लगाने वाले कुछ लोगों में भी साइड इफेक्ट की शिकायतें आ रही हैं। वहां नसों में सूजन और शरीर पर चकत्ते पड़ने शुरू हो गए हैं। हालांकि विशेषज्ञ कहते हैं कि किसी भी वैक्सीन को लगाने पर थोड़ा बहुत साइड इफेक्ट हो सकता है ब्रिटेन सरकार ने एहतियात के तौर पर साइड इफेक्ट की जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि भारत में तीन वैक्सिंग के अंतिम दौर के ट्रायल चल रहे हैं कोवी शील्ड, भारत बायोटेक और स्पूतनिक वी ने वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन कर रखा है।इस जानकारी का अर्थ वैक्सीन की नकारात्मक खबर देकर चिंता में इजाफा करना कतई नहीं है बल्कि अति संवेदनशील और अहम मसले की हकीकत सामने लाना और सचेत होना है।
- Corona update Rajasthan
Cumulative positive: 2,91,289
Active cases:16.629 - Corona update udaipur
Cumulative positive:10,366
Today discharged: 76
Cumulative discharged:9775
Today positive: 65
Active cases: 484
Home isolated:308 - आरबीआई ने एक जनवरी 2021 से चेक का पॉजिटिव पे सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत किसी थर्ड पार्टी को चेक जारी करने वाले व्यक्ति को अपने बैंक को भी अपने चेक की जानकारी देनी होगी ।इस सिस्टम में ₹50,000 से ज्यादा के भुगतान वाले चेक को रीकंफर्म करना होगा। इससे चेक क्लीयरेंस में कम समय लगेगा। चेक जारी करने वाले व्यक्ति को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से चेक की तारीख, लाभार्थी का नाम, प्राप्तकर्ता और पेमेंट की रकम के बारे में दोबारा जानकारी देनी होगी। यह जानकारी s.m.s. मोबाइल ऐप इंटरनेट बैंकिंग और एटीएम के माध्यम से दी जा सकती है। इनकी दोबारा जांच की जाएगी और कोई गड़बड़ी मिलने पर चेक ट्रांजैक्शन सिस्टम द्वारा इसे मार्क कर जिस बैंक में चेक का पेमेंट होना है और जिस बैंक के अकाउंट से चेक जारी हुआ है दोनों को जानकारी दी जाएगी। यह नियम ₹50000 और उससे ऊपर के सभी भुगतान मामलों के लिए है इस सुविधा का लाभ उठाने का निर्णय खाताधारक के हाथ में होगा। इसकी मदद से चेक के जरिए होने वाली धोखाधड़ी पर लगाम लगाई जा सकती है।
- सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अनुसार भारत में जनवरी से कोरोना का टीकाकरण शुरू हो सकता है ।उनके अनुसार दिसंबर अंत तक देश में कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिल सकती है ।एक संभावना के अनुसार अगले साल अक्टूबर तक देश के अधिकांश आबादी को कोरोना वेक्सीनन का टीका लग जाएगा और तब जिंदगी सामान्य हो पाएगी।
- कल 14 दिसंबर को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा लेकिन भारत में दिखाई नहीं देगा ।यह साल का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा जो शाम 7:03 पर शुरू होगा और मध्य रात्रि 12:30 पर इसका समापन होगा। यह ग्रहण साउथ अमेरिका, साउथ अफ्रीका के साथ ही प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में दिखाई ना देने के कारण लगेगा, और धर्म कर्म पूजा पाठ यथावत होते रहेंगे और पूजा स्थल भी पूरी तरह खुले रहेंगे ।तिथि अनुसार यह ग्रहण अगहन कृष्ण अमावस्या को गठित होगा। गौरतलब है कि जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य एक सीधी रेखा में आते हैं और सूर्य को चंद्र ढक लेता है तो सूर्य का प्रकाश की जगह अंधेरा छाने लगता है ।इसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है। सूर्य ग्रहण के समय पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा नजर आएगा। इसके चलते सूर्य ढक जाएगा ।विशेषज्ञ सूर्य ग्रहण को सीधे आंखों से नहीं देखने की सलाह देते हैं। क्योंकि सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य से काफी हानिकारक किरणें निकलती हैं जिनसे आंखों के टिशु डैमेज हो सकते हैं।
- मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में विभिन्न संकाय में स्नातकोत्तर और पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई है। इच्छुक छात्र 17 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्नातक अंतिम वर्ष के परिणाम हाल ही में घोषित किए गए हैं इसलिए स्नातकोत्तर विषयों के लिए आवेदन शुरू किए गए हैं।ऑनलाइन प्रवेश पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
- मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की ओर से पीएचडी प्रवेश रीट परीक्षा का आयोजन आज दो पारियों में किया गया। यह परीक्षा पहली बार उदयपुर के साथ राजधानी जयपुर में भी आयोजित की गई ताकि जयपुर के आसपास के विद्यार्थियों को उदयपुर ना आना पड़े। इस प्रवेश परीक्षा में करीब 5000 परीक्षार्थियों ने भाग लिया। पहली पारी सुबह 10:00 से 12:00 बजे तक और दूसरी पारी शाम 2:00 से 4:00 तक आयोजित हुई
- मांवठ के बाद शहर में ठंड का असर बढ़ गया। है धुंध और बड़ी ठंड के कारण जनजीवन प्रभावित है।वहीं इसके साथ ही शहर का मौसम सुहाना बना हुआ है।शहर का तापमान रहा आज अधिकतम 3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस
- तो ये थीं अब तक की अपडेट्स, हम फिर आएंगे और अपडेट्स लेकर, बने रहिए हमारे साथ…
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