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- जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा सुचारू रूप से जारी है। यात्रा के पहले दिन कल सात हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए। श्रद्धालु बालतल और पहलगाम दोनों मार्गों से पवित्र गुफा पहुंच रहे हैं। इस बीच लगभग चार हजार पांच सौ श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था इन दोनों मार्गों से आज रवाना हो रहा है। तीर्थ यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध किए गए हैं।
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हिंदुओ की परंपरा के मुताबिक आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है.गुरु पूर्णिमा भारत में अपने आध्यात्मिक या फिर अकादमिक गुरुओं के सम्मान में, उनके वंदन और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाने वाला पर्व है.
हम सब मनुष्यों के जीवन निर्माण में गुरुओं की अहम भूमिका होती है.यह पर्व आमतौर पर जून या जुलाई के महीने में आता है. इस साल यह तीन जुलाई यानी सोमवार को पड़ रहा है. हिंदू पंचांग के मुताबिक पूर्णिमा की अवधि दो जुलाई को रात 08:20 बजे शुरू होगी और तीन जुलाई को शाम 05:08 बजे समाप्त होगी.पौराणिक मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा को महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म दिवस माना जाता है. उनके सम्मान में इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.शास्त्रों में यह भी कहा जाता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने चारों वेद की रचना की थी और इसी कारण से उनका नाम वेद व्यास पड़ा.
भारत में प्राचीन काल से ही गुरुओं की भूमिका काफी अहम रही है. चाहे प्राचीन कालीन सभ्यता हो या आधुनिक दौर, समाज के निर्माण में गुरुओं की भूमिका को अहम माना गया है. उनकी इस भूमिका को सरल और गूढ़ रूप में संत कबीरदास ने अपने दोहे के माध्यम से भी दर्शाया है.
वे लिखते हैं-
गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोष।
गुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मिटै न दोष।।
इस दोहे में कबीरदास ने आम लोगों से कहा है कि गुरु के बिना ज्ञान का मिलना असंभव है.
जब तक गुरु की कृपा प्राप्त नहीं होती, तब तक कोई भी मनुष्य अज्ञान रूपी अधंकार में भटकता हुआ माया मोह के बंधनों में बंधा रहता है, उसे मोक्ष (मोष) नहीं मिलता. गुरु के बिना उसे सत्य और असत्य के भेद का पता नहीं चलता, उचित और अनुचित का ज्ञान नहीं होता.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक जगत गुरु भगवान शिव ने इसी दिन से सप्तऋषियों को योग सिखाना शुरू किया था.आधुनिक दौर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने अध्यात्मिक गुरु श्रीमद राजचंद्र को श्रद्धांजलि देने के लिए भी गुरु पूर्णिमा का दिन ही चुना था.गुरु पूर्णिमा का त्योहार भारत ही नहीं नेपाल और भूटान में भी बड़े पैमाने पर मनाया जाता है.
नेपाल में गुरु पूर्णिमा को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है, हालांकि भारत में शिक्षक दिवस गुरु पूर्णिमा के दिन नहीं बल्कि प्रत्येक वर्ष पांच सितंबर को मनाया जाता है.
बौद्ध धर्म को मानने वाले गुरु पूर्णिमा भगवान बुद्ध की याद में मनाते हैं. इनकी मान्यता के मुताबिक भगवान बुद्ध ने इसी दिन उत्तर प्रदेश के सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था. मान्यता है कि इसके बाद ही बौद्ध धर्म की शुरुआत हुई थी
जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जिले के दूरदराज के गांव ख्रेव स्थित ज्वाला माता मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी सोमवार को आषाढ़ी चतुदर्शी के मौके पर धार्मिक सद्भावना की छटा तब देखने को मिली जब हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक साथ देवी का प्रकटोत्सव मनाने के लिए एकत्र हुए।.सब मिलकर पूजा-अर्चना करते हैं।’’.
राज गल्र्स बटालियन के तत्वाधान में दिनांक 27 जून से 06 जुलाई 2023 तक वार्षिक प्रषिक्षण षिविर का आयोजन, डबोक स्थित जनार्दन राय नागर, राजस्थान विद्यापीठ में किया जा रहा है।
षिविर में गल्र्स कैडेट्स को हथियार चलाना, हथियार को खोलने व जोडने का अभ्यास कराया गया। तत्पष्चयात् षिविर में कैडेट्स को आपदा प्रबंधन टीम द्वारा फायर फाइटिंग का डेमो दिया गया तथा इंसट्रक्टर द्वारा रेस्क्यू करने के तरीके बताये गये साथ ही फायर फाइटर पायलेट द्वारा आग से कैसे बचाव किया जा सकें यह बताया गया।कैडेट्स को अपने दिनचर्या में मेंडिटेषन को षामिल करके, जीवन षैली में परिवर्तन करके, अच्छी आदतों को अपनाने पर जोर दिया गया।संध्याकाल की बेला में कैडेट्स द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें लोक नृत्य, लोक गीत, गवरी आदि नृत्यों को प्रस्तुत किया गया।
- विधवा महिला से अफेयर के शक पर चप्पल-जूतों से मारपीट के दो महिलाओं समेत 3 आरोपियों को जेल भेजा:
- एक कॉन्स्टेबल ने अपनी पर सर्विस रिवाॅल्वर से फायर कर उसे जान से मारने की कोशिश की। फायरिंग के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया।
- उदयपुर के टीडी थाने में तैनात कॉन्स्टेबल ने अपनी पत्नीको उसके चरित्र पर शक के चलते गोली मारी, घटना के बाद आरोपी कॉन्स्टेबल मौके से फरार हो गया। कॉन्स्टेबल की पत्नी को एमबी चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।घटना के बाद खेरवाड़ा थाने में आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उसकी तलाश भी शुरू कर दी गई है, उसे सस्पेंड किया जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने बताया कि कांस्टेबल के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है और साथ ही इस बारे में भी पता लगाया जा रहा है कि उसने थाने की पिस्तौल को किस तरीके से हासिल किया है और इस मामले में उसकी मदद करने में कितने और लोग शामिल है। इन सभी लोगों के बारे में पता लगा कर उनके खिलाफ भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- प्राथमिक अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि कॉन्स्टेबल का अपनी पत्नी से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था जिसके बाद से उसकी पत्नी अपने मायके नयागांव में रह रही थी हो सकता है कि इसी बात को लेकर उसने गुस्से में आकर इस घटना को अंजाम दिया है हालांकि घटना के पीछे के स्पष्ट कारणों के बारे में जांच जारी है। इस पूरी घटना की जांच की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- मौसम
- मौसम विभाग ने कहा कि सामान्य तिथि 8 जुलाई से छह दिन पहले दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पूरे देश में पहुंच चुका है। विभाग का कहना है कि आज मॉनसून राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के शेष भागों की ओर बढा है।
- मौसम विभाग ने आज से दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में तेज से बहुत तेज वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है। इस महीने मध्य भारत और आसपास के दक्षिण प्रायद्वीपीय तथा पूर्वी भारत के अधिकांश हिस्सों और पूर्वोत्तर तथा उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुसार इस अवधि के दौरान देश के अधिकांश इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा। हालांकि उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।
अगले तीन दिन के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, बिहार, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, तटीय कर्नाटक तथा केरल में मूसलाधार वर्षा होने के आसार हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि राजस्थान और हरियाणा तथा पंजाब के शेष हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं।
- दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आज, राजस्थान के शेष हिस्सों में आगे बढ़ गया है। इस प्रकार, इसने 08 जुलाई की सामान्य तिथि (सामान्य तिथि से 6 दिन पहले) के मुकाबले 2 जुलाई 2023 को पूरे देश को कवर कर लिया है। राजस्थान में मानसून को लेकर अच्छी खबर आई है। प्रदेश में कमजोर पड़ी मानसून की गतिविधियों में फिर तेजी आएगी। ये तेजी प्रदेश में पांच जुलाई के बाद आएगी।जिसके असर से राजस्थान के आधे से ज्यादा जिलों में हल्की से भारी बारिश होगी।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पूर्व-पश्चिम ट्रफ दिल्ली के दक्षिण में है, जो उत्तर पश्चिम राजस्थान से उत्तर पूर्व भारत तक फैला हुआ है। ऐेसे में इन राज्यों में मंगलवार तक रुक-रुक कर हल्की बारिश होगी। पर इसके बाद बारिश की गति व क्षेत्र दोनों बढ़ जाएगा। अरब सागर से आने वाली आद्र्र हवाएँ उत्तर पश्चिम भारत को नमी प्रदान करना शुरू कर देंगी। इसके अलावा, पाकिस्तान के मध्य भागों और पंजाब और हरियाणा के आसपास के हिस्सों पर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित हो सकता है। इन मौसमी सिस्टम में 5 जुलाई से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी और पूर्वोत्तर राजस्थान में बारिश की गतिविधियां बढऩे की उम्मीद है। जिसका असर आगामी चार से पांच दिनों तक रहेगा।
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार प्रदेश में मंगलवार को 17 जिलों में बारिश होगी। इस दौरान
बारां, झालावाड़, कोटा व सवाई माधोपुर में भारी तथा अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तोडगढ़़, दौसा, डुंगरपुर, जयपुर, करौली, प्रतापगढ़, टोंक, उदयपुर जिलों में हल्की बारिश होगी। इस संबंध में येलो अलर्ट जारी किया है।
- झीलों की नगरी में पिछले 24 घंटों के दौरान तापमान रहा अधिकतम 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 सेल्सियस
- तो ये थीं अब तक की अपडेट्स हम फिर आएंगे और अपडेट्स लेकर बने रहिए हमारे साथ…