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Udaipur Latest News 10 November 2023 उदयपुर की ताजा खबर Udaipur latest News 10 November 2023 उदयपुर की ताजा खबर Udaipur Latest News 10 November 2023 उदयपुर की ताजा खबर

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Nov 10, 2023
  • हेलो फ्रेंड्स हम हाजिर हैं आज की अपडेट्स लेकर…..
  • धनतेरस में भगवान धनवन्तरि के पूजन के साथ पांच दिन तक चलने वाले अंधकार पर प्रकाश की विजय के प्रतीक दीपावली महापर्व की उमंग और मस्ती में सराबोर होने के लिए तैयार हैं।
  • मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी को समुद्र मन्थन में स्वास्थ्य और आरोज्ञ के देवता भगवान धन्वन्तरि देव का पृथ्वी पर पदार्पण हुआ था। धनवन्तरि को धन और ऐर्य की देवी लक्ष्मी का बडा भाई माना गया है। धनवन्तरि का आगमन ‘स्वास्थ्य और जीवन रक्षा’ से जुड़ा हुआ माना जाता है।धनतेरस के अगले दिन छोटी दीपावली यानी नरक चतुर्दशी के मनाये जाने के पीछे किवदंती है कि रन्तिदेव नामक एक धर्मात्मा राजा ने अपने जीवन में कभी कोई पाप नही किया था मगर जब उनकी मृत्यु का समय आया तो यमदूत उनके प्राण लेने पहुचें। उन्हें सामने देख राजा आश्चर्यचकित होकर बोले – हे दूत! मैंने कभी कोई पाप कर्म नहीं किया है फिर आप लोग मुझे लेने क्यों आए हैं। राजा दूतों से बोले कि आपके यहां आने का तात्पर्य है कि मुझे नरक जाना होगा। अत: आप मुझ पर कृपा करके बताएं कि मुझसे क्या अपराध हुआ है। राजा की विनयपूर्ण वाणी सुनकर यमदूत ने कहा कि एक बार आपके द्वार से एक ब्राह्राण भूखा लौट गया था। यह उसी पाप का फल है।
  • राजा ने यमदूतों से निवेदन किया कि उन्हें अपनी भूल को सुधारने का एक मौका दिया जाए। यमदूत ने राजा की प्रार्थना पर उन्हें एक वर्ष की मोहलत दे दी। इसके बाद राजा  ब्राह्मणों के पास गए और उन्हें अपनी परेशानी से अवगत कराया।राजा के पूछने पर  ब्राह्मण बोले -हे राजन्! आपको कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत करके ब्राह्मणों को भोजन कराना होगा
  • इसके बाद उनसे अपने अपराध की क्षमा याचना करनी होगी। राजा ने वैसा ही किया और वे अपने पाप कर्म से मुक्त होकर बैकुंठ को गए। उस दिन से पाप और नरक से मुक्ति के लिए मृत्युलोक में कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत प्रचलित है।
  • दीपावली

    रविवार को रोशनी का त्योहार दीपावली सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’ यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है।

  • मान्यता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा रामचंद्र अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीए जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक हर साल यह प्रकाश-पर्व हर्ष एवं उल्लास से मनाया जाता हैं।
  • गोवर्धन पूजा
  • दीपावली के अगले सुबह गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है।
  • शास्त्रों में गाय को गंगा के समान पवित्र और देवी लक्ष्मी का स्वरूप कहा गया है। देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं उसी प्रकार गौ माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। इनका बछड़ा खेतों में अनाज उगाता है। इस तरह गौ सम्पूर्ण मानव जाती के लिए पूजनीय और आदरणीय है। गौ के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है और इसके प्रतीक के रूप में गाय की पूजा अर्चना की जाती है।
  • भाई दूज
  • पांच दिन के त्योहार में सबसे अंत में भाई दूज का त्योहार आता है। भाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाते हैं, इसे यम द्वितीया भी कहते हैं क्योंकि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने गए थे। तब उन्होंने यमुना को वरदान दिया था कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाएगा, उसे मृत्यु का भय नहीं सताएगा।
  • देशभर में आज धनतेरस का त्यौहार मनाया जा रहा है। इसे धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के रूप में भी जाना जाता है। इसे नयी खरीद, विशेषकर नये बर्तन या सोने-चांदी की खरीद के लिये अत्यंत शुभ अवसर माना जाता है।धनतेरस का पर्व स्वास्थ्य, खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है। भगवान धन्वंतरि की कृपा से सबके लिये सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना ….
  • झीलों की नगरी के चौराहा से लेकर बाजार सज गए है। रंग बिरंगी रोशनी से शहर नहाया हुआ है। बाजारों में धनतेरस पर आज धन वर्षा हुई और इसके लिए बाजार में खरीदारी करने वालों की भीड़ शुरू हो गई। शोरूम से लेकर दुकानों पर विशेष सजावट की गई
  • पहली बार शहर के चौक चौराहों और पर्यटक स्थलों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। इससे पहले दीपावली पर कुछ स्थलों को ही रोशनी से सजाया जाता था, लेकिन कलक्टर ने इस बार शहर के प्रत्येक स्थल पर लाइटिंग करने के निर्देश दिए। । विशेष सजावट और आकर्षण को देखते हुए पूरे शहर में उत्सव का माहौल है। ये रोशनी पर्यटकों को काफी आकर्षित कर रही है। इस बार तकरीबन 2 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। प्रमुख चौराहों पर की जाने वाली जगमगाहट के अलावा अनुमानित रूप से पूरे शहर में करीब 15 से 20 किलोमीटर लंबाई में दिवाली लाइटिंग की गई है।इस बार दीपावली पर 9 नवम्बर से 15 नवम्बर तक (एक सप्ताह) पूरा शहर जगमग रहेगा। पूरे शहर में एक जैसी थीम पर सजावट की गई है। कलक्टर का मानना है कि इस प्रयास से दीपावली अवकाश के दौरान विदेशों और खास कर गुजरात से आने वाले पर्यटक भी सकारात्मक संदेश लेकर जाएंगे।
  • जिला कलक्टर के निर्देशानुसार यूडीए व नगर निगम की ओर से संबंधित क्षेत्र के प्रमुख मार्ग, चौराहों एवं स्थलों पर विशेष आकर्षक सजावट की गई है। फतहसागर की पाल व फतहपुरा चौराहा पर शहरवासियों और पर्यटकों की खासी भीड़ के मद्देनजर यूडीए की ओर से फतहसागर की पाल पर दोनों साइड पेड़ पर हाईलाइटर लाइटस् झालर एवं पांचों छतरियों पर एलईडी रोप लाइट से रोशनी के साथ पूरे रिंग रोड़ को कवर करते हुए आकर्षक सजावट की गई है। विभिन्न पर्यटकों के आगमन स्थल फतहपुरा चौराहा को भी बेहतर ढंग से सजाया है। सजावट वाले स्थलों में सेवाश्रम ब्रीज, प्रतापनगर ब्रीज, कुम्हारों का भट्टा ब्रीज, चांदपोल फुट ब्रीज, यूडीए ब्रीज, देहली गेट चौराहा, रामपुरा चौराहा, मल्लातलाई चौराहा, देवाली चौराहा, आरके सर्कल, भुवाणा चौराहा, शोभागपुरा चौराहा, गणगौर घाट, सर्किट हाउस, कलक्ट्रेट, जिला जज निवास, कलक्टर निवास, संभागीय आयुक्त कार्यालय व निवास, नेहरू गार्डन, संजय गार्डन, सुखाड़िया सर्कल, राजीव गांधी पार्क, मीरा पार्क, डी-पार्क शामिल हैं।

    इसके अलावा मुख्य मार्गों में देहली गेट से कोर्ट चौराहा, कलक्टर निवास से बंशीपान, नीलकण्ठ महादेव से काला किवाड़, सज्जनगढ़ मैन रोड़ गेट, सुखाड़िया सर्कल से फतहपुरा, सहेलियों की बाड़ी रोड़, यूडीए कार्यालय से नीलकण्ठ महादेव तक आकर्षक सजावट व रोशनी की गई है। नगर निगम की ओर से शहर के सभी हेरिटेज दरवाजों उदियापोल, सूरजपोल, किशनपोल, देहली गेट, हाथीपोल, सत्तापोल, चांदपोल, अंबा पोल व ब्रह्मपोल, ब्रह्मपोल पुलिया, अंबापोल पुलिया, कोर्ट कॉम्प्लेक्स, लाल घाट, नाव घाट, अमराई घाट, सुखाड़िया सर्कल की अंदरूनी सजावट, अशोक नगर मुख्य मार्ग, देहली गेट से सिटी स्टेशन रोड़, शास्त्री सर्कल, दूध तलाई, शोभागपुरा 100 फीट रोड़ आदि स्थलों पर विशेष व आकर्षक विद्युत सजावट की गई है।

    जिला कलक्टर ने दीपावली उत्सव में व्यापारी और आमजन की भी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए स्वागत द्वार सजावट प्रतियोगिता का नवाचार किया है। शहर के सभी प्रमुख टेन्ट व्यवसायियों को नगर निगम की ओर से स्थल आवंटित किए हैं। आवंटित स्थलों पर संबंधित टेन्ट प्रतिष्ठान अपने स्तर पर भव्य एवं आकर्षक स्वागत द्वार लगाकर सजावट कर रहे हैं। स्वागत द्वार सजावट में प्रथम विजेता को 71 हजार एवं द्वितीय को 51 हजार रूपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

     दीपावली के बाद Chhath Puja 2023 को लेकर रेल मंत्रालय ने उदयपुर से स्पेशल ट्रेन के तीन फेरे चलाने की तैयारी की है। उदयपुर-पटना-उदयपुर के बीच यह ट्रेन 14 से 28 नवंबर तक तीन फेरे करेगी।इससे बिहार के लोगों को आवागमन में सुविधा रहेगी।

     गाड़ी संख्या 09625 उदयपुर से प्रत्येक मंगलवार रात 11.15 बजे रवाना होगी। यह ट्रेन बुधवार सुबह 6.50 बजे जयपुर पहुंचेगी और गुरुवार तड़के 3.30 बजे पटना पहुंचेगी।

    यह ट्रेन 14 से 28 नवंबर तक तीन ट्रिप करेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 09626 पटना से गुरुवार सुबह 6.45 बजे रवाना होकर शुक्रवार तड़के 3.55 बजे जयपुर और दोपहर 12.10 बजे उदयपुर पहुंचेगी। यह ट्रेन 16 से 30 नवंबर तक 3 ट्रिप करेगी।

    हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का महापर्व बिहार और पूर्वांचल हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। राजस्थान में भी यह पर्व बिहार और पूर्वांचल के लोगा धूमधाम से मनाते हैं।

    मौसम में दिखाई दिया। सुबह पहाड़ियों पर हल्की धुंध और आसमान में बादलों की टुकड़ियां मंडराई। सूरज और बादलों में लुकाछिपी का दौर चला। मामूली ठंडापन भी रहा। दोपहर बाद चमकदार धूप निकली।  देश के उत्तरी इलाके में पश्चिमी विक्षोभ के चलते अलसुबह से आसमान में बादल और हल्की धुंध छाई रही। हवा में मामूली ठंडापन महसूस हुआ। वाहनों और पेड़-पौधों पर हल्की नमी भी दिखी। सूरज और बादलों में लुकाछिपी चली। बाद में बादलों की परत हटी तो तेज धूप निकली।

    इस बार नवम्बर के पहले पखवाड़े में गर्माहट है। बीते साल 1 से 15 नवम्बर के दौरान अधिकतम तापमान 28 से 30 और न्यूनतम तापमान 18 से 20 डिग्री सेल्सियस तक था। इस बार अधिकतम तापमान 32 से 34 और न्यूनतम 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच घूम रहा है। रात को छोड़कर गुलाबी ठंडक अब तक महसूस नहीं हुई है।

    मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते राज्य के कई हिस्सों में बूंदाबांदी हो सकती है। इसके बाद ही मौसम में ठंडक धीरे-धीरे बढ़ेगी।

     

  • दिल्ली में इस महीने की 13 तारीख से लागू होने वाली ऑड-ईवन वाहन प्रणाली को टाल दिया गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में वायु गुणवत्ता में सुधार को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। दिवाली के बाद फिर से स्थिति की समीक्षा की जायेगी। राष्ट्रीय राजधानी में इस महीने की 13 से 20 तारीख तक ऑड-ईवन व्यवस्था लागू होने वाली थी
  • दिल्ली विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के मद्देनजर 13-19 नवंबर तक शीतकालीन अवकाश की घोषणा की है।दिल्ली विश्वविद्यालय में शीतकालीन अवकाश आमतौर पर दिसंबर माह में होता है, लेकिन दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति के कारण लागू की गई क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के नियमों के मद्देनजर शीतकालीन अवकाश को निर्धारित समय से पहले घोषित किया गया है।
  • अधिसूचना के मुताबिक विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों और संस्थानों को शीतकालीन अवकाश घोषित करने के लिए कहा गया है। हालांकि, सभी पूर्व निर्धारित परीक्षाएं और साक्षात्कार बिना किसी बदलाव के आयोजित होंगे।
  • बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में खतरनाक वायु गुणवत्ता पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। और साथ ही यह निर्देश दिया कि किसानों को पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पराली जलाना तुरंत बंद कर देना चाहिए, क्योंकि यह वायु प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से एक है।शीर्ष अदालत ने कहा कि पहले के आदेश के अनुसार स्थापित स्मॉग टावर काम नहीं कर रहे हैं और सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनकी मरम्मत की जाए।
  • निर्णय समर्थन प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार, एक संख्यात्मक मॉडल-आधारित ढांचा जो दिल्ली में कण पदार्थ प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने में सक्षम है, पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से दिल्ली में वायु प्रदूषण का 38% हिस्सा है। बुधवार और गुरुवार को यह 33% थी और शुक्रवार यानी आज 16% तक होने की संभावना है।
  • धनतेरस से एक दिन पहले सलुंबर में करंट लगने से परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। शॉर्ट सर्किट से मकान में करंट दौड़ गया। करंट लगने से बुजुर्ग पति-पत्नी और बेटा-बेटी की मौत हो गई। घर में केवल पुत्रवधू व डेढ़ साल की बच्ची बची है। घटना सलुम्बर जिले में लसाडिया की ग्राम पंचायत ढिकीया के बोडफला की है
  • अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट परिषद- बोर्ड ने श्रीलंका क्रिकेट की सदस्‍यता को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मीडिया खबरों के अनुसार ICC की आज हुई बैठक में ये माना गया कि श्रीलंका क्रिकेट ने सदस्‍य के रूप में अपने कर्तव्‍यों का उल्‍लंघन किया।
  • बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स आज 72 अंक बढकर 64 हजार नौ सौ पांच पर बंद हुआ। उधर नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज का निफ्टी 30 अंक बढ़कर 19 हजार चार सौ पच्‍चीस दर्ज हुआ। अंतरबैंकिंग विदेशी मुद्रा बाजार में आज रुपया एक डॉलर की तुलना में 83 रूपये 34 पैसे पर बंद हुआ।
  • उदयपुर में दोनों कीमती धातुओं के भाव इस प्रकार रहे
    सोना 22 कैरेट 1 ग्राम₹  5704 सोना 24 कैरेट 1 ग्राम ₹ 5989
    चांदी 1 किलो बार का भाव रहा ₹₹ 77000
  • मौसम
  • राष्ट्रीय राजधानी में अंततः शुष्क अवधि की बाधा हट गई और कल रात और सुबह अच्छी बारिश हुई। दिल्ली में आखिरी बारिश 16-17 अक्टूबर 2023 को हुई थी और उसके बाद एक लंबा ब्रेक आया। मौसम की गतिविधि प्रत्याशित ताजा पश्चिमी विक्षोभ और उत्तर भारत में प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण के साथ रही है। उत्तरी पहाड़ों और जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश की तलहटी में काफी व्यापक गतिविधि हुई। मध्यम गतिविधि पंजाब और हरियाणा के मैदानी इलाकों के उत्तरी आधे हिस्से में फैल गई। सिस्टम का अंतिम भाग राजधानी शहर तक पहुंचने में कामयाब रहा, जिससे अधिकांश क्षेत्रों में छिटपुट बारिश हुई।
  • सिस्टम के मद्देनजर ठंडी हवाएं हवा में कुछ ठंडक लाएंगी। साफ आसमान, नम और ठंडी हवाओं के साथ औसत हवा अगले 3-4 दिनों में न्यूनतम तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट लाएगी। पहाड़ों की ऊंची और मध्य पहुंच में बर्फबारी और ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाओं के साथ निचली पहाड़ियों में मध्यम बारिश से पूरे क्षेत्र में पारे के स्तर में महत्वपूर्ण गिरावट आएगी। अगले 10 दिनों तक कोई ताजा पश्चिमी विक्षोभ कोई और रुकावट पैदा नहीं करेगा।

    दिल्ली-एनसीआर में हफ्तेभऱ वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर रही. स्मॉग की घनी चादर ने सांस लेने वाली हवा में जहर घोला हुआ था. इस बीच अचानक 10 नवंबर को सुबह तड़के बादल गरजे और बरसने लगे. हालांकि इसका अनुमान लगाया ही नहीं जा रहा था. करीब आधे घंटे की बारिश ने स्मॉग की पूरी धुंध को छांट दिया. हवा साफ हो गई. विजिबिलिटी भी एकदम क्लियर.

    इन दक्षिणी राज्यों में लगातार बारिश हो रही थी. बेंगलुरु से लेकर चेन्नई तक बारिश का आलम ये था कि लोगों को इससे मुश्किल होने लगी थी लेकिन उत्तर भारत में बारिश के आसार नजर नहीं आ रहे थे. इसी वजह से दिल्ली सरकार क्लाउड सीडिंग पर विचार करने लगी थी. इसी वजह से दिल्ली सरकार ने ऑड-इवेन जैसी व्यवस्था 13 नवंबर से लागू होने की घोषणा कर दी थी.

    ऐसे हालात में वाकई 10 नवंबर को सुबह हुई बारिश त्योहारी सौगात की तरह आई. उसने आधे घंटे की गरज-बरस में वायु प्रदूषण की तस्वीर ऐसी बदली, जिसके बारे में हफ्ते भर से कोई सोच ही नहीं पा रहा था, क्योंकि मौसम विभाग ने भी बारिश का कोई अनुमान नहीं लगाया था.

    अब जबकि बारिश ने दिल्‍ली-एनसीआर की हवा की क्वलिटी को बेहतर कर दिया है, तो सवाल उठना लाजिमी है कि बारिश वायु प्रदूषण की स्थिति में क्या रोल निभाती है.

    आमतौर पर जब बारिश होती है तो हवा में मौजूद धूल कण उसकी ओर आकर्षित होकर जैल बना लेते हैं. हवा में मौजूद इन कणों को एरोसोल या एयर मॉल्‍यूक्‍यूल्‍स कहा जाता है. इन कणों में कालिख, सल्फेट्स और कई तरह के कार्बनिक कण होते हैं. ये कण वायु प्रदूषण के लिए जिम्‍मेदार होते हैं. बारिश की बूंदें और एरोसोल आपस में आकर्षित होकर जुड़कर धरती पर गिरते है. फिर पानी के साथ बह जाते हैं या धऱती इन्‍हें सोख लेती है.

    जैसे ही बारिश की बूंद वायुमंडल में आती है तो जमीन से टकराने के पहले सैकड़ों छोटे एयर मॉल्‍यूक्‍यूल्‍स को अपनी सतह पर आकर्षित कर सकती है. शोध में पाया गया है कि बारिश की बूंदें जितनी छोटी होंगी, हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों को उतना ज्‍यादा आकर्षित करेंगी. कई बार ये प्रक्रिया बादल की ऊंचाई और बारिश की तेजी पर भी निर्भर करती है.

    शोध में कहती है कि हर बारिश की बूंद आवेशित होती हैः लिहाजा, बूंद वायुमंडल में मौजूद तमाम आवेशित कणों के साथ मिलकर जैल बनाती हैं. साफ है कि बारिश एयर पॉल्यूशन को नीचे ले आती है. हवा में तैरने वाले खतरनाक कण ही हवा में जहर घोलते हैं. यही कण सर्दी शुरू होने पर स्मॉग बनाते हैं. हवा में घुलकर ये स्‍मॉग दृश्यता कम करने के साथ ही आसमान में धुआं सा बना देता है. ये स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है.

    बारिश होने तक ये कण हल्के होकर हवा में उड़ते रहते हैं. बारिश के संपर्क में आकर जैल बनाते हैं और धरती पर गिर जाते हैं. इसीलिए बारिश के बाद आमतौर पर हवा साफ हो जाती है. साफ हवा में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन, हीलियम, ओजोन, निऑन, जेनान, जलवाष्प के कण शामिल होते हैं. शुद्ध हवा में किसी भी तरह के प्रदूषक नहीं होते. इसमें दुर्गंध और धूल के कण भी नहीं होते.

    हवा में ऑक्सीजन की मात्रा 100 या 50 फीसदी नहीं होती, बल्कि करीब 21 फीसदी ही होती है. इसके बाद वायुमंडल में दूसरी सबसे ज्‍यादा पाई जाने वाली गैस नाइट्रोजन होती है. वायुमंडल में करीब 78 फीसदी नाइट्रोजन होती है. बाकी गैसें एक फीसदी से कम मात्रा में होती हैं. ऑक्सीजन पृथ्वी की ऊपरी परत में सबसे ज्यादा होती है. ये पृथ्वी की ऊपरी परत का करीब 46.6 फीसदी हिस्सा होती है.

    आज गंगानगर, हनुमानगढ़, चुरु, झुन्झनू, सीकर, अलवर, भरतपुर धोलपुर जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है। 11 नवंबर से आगामी एक सप्ताह राज्य में मौसम शुष्क रहेगा।आगामी 48 घंटे में न्यूनतम तापमान में 3-5 डिग्री से. गिरावट होने की प्रबल संभावना है।पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पिछले 24 घंटो में जोधपुर, बीकानेर, जयपुर व भरतपुर संभाग में कहीं-कहीं मेघगर्जन के साथ हल्की बारिश दर्ज की गई है। पश्चिमी राज में सर्वाधिक बारिश नोखा, बीकानेर में 6mm तथा पूर्वी राज के महवा, दौसा में 2mm दर्ज की गई है।*

  •  उदयपुर में  पिछले 24 घंटों के दौरान  तापमान रहा अधिकतम 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम  17  सेल्सियस
  • तो ये थीं अब तक की अपडेट्स हम फिर आएंगे और अपडेट्स लेकर बने रहिए हमारे साथ…

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