- हेलो फ्रेंड्स हम हाजिर हैं आज की अपडेट्स लेकर…..
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साल 2024 ने दस्तक दे दी है.
अंतरराष्ट्रीय डेटलाइन की वजह से अलग-अलग देशों में तारीख बदलने का वक़्त अलग-अलग है. पूरी दुनिया की बात करें तो कैलेंडर बदलने में 26 घंटे का वक़्त लगेगा.नए साल ने सबसे पहले किरिबाती में दाखिल हुआ.
इसके बाद न्यूज़ीलैंड में धूमधड़ाके के साथ नए साल का स्वागत किया गया. ऑकलैंड की स्काई टॉवर पर शानदार आतिशबाज़ी हुई.
- न्यूजीलैंड की सबसे बड़ी सरचंना ऑकलैंड के स्काई टॉवर के निकट हजारों लोगों ने नववर्ष 2024 का पूरे उत्साह से स्वागत किया। नववर्ष का उत्सव मनाने वाला ऑकलैंड दुनिया का पहला प्रमुख शहर बना।
आस्ट्रेलिया के सिडनी में बडी संख्या में लोग विश्व की सबसे शानदार आतिशबाजी देखने के लिए एकत्रित हैं।
इधर भारत में भी सभी प्रमुख शहरों और कस्बों में लोग आनन्द और उत्साह के साथ नववर्ष का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। वर्ष का आखिरी दिन नववर्ष की नई आशा और नई शुरूआत का संदेश लेकर आता है।
- साल 2023 अब खत्म होने वाला है। न्यूजीलैंड में नए साल का जश्न शुरू हो गया है। भारत और अन्य देशों में आज रात 12 बजे के बाद नए साल का जश्न मनाया जाएगा। इससे पहले सभी लोग इस बीते साल की अच्छी यादों को संजोने और बुरी यादों को भूलकर एक नए साल के स्वागत के लिए बेताब हैं। देशभर में नए साल के स्वागत के लिए तैयारी चल रही है।
लेकसिटी में फाइव स्टार-थ्री स्टार होटल्स से लेकर तमाम रिसोर्ट्स में न्यू ईयर सेलिब्रेशन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। होटलों में जश्न को लेकर डीजे साउंड सिस्टम, लाइट-डेकोरेशन से लेकर अन्य व्यवस्थाएं कर ली गई हैं।
- बता दें कि यह वर्ष लीप ईयर होने वाला है. यानि इस साल फरबरी में 28 के बजाय 29 दिन होंगे. वहीं साल में 365 के बजाय 366 दिन होंगे. वैसे तो अंग्रेजी के ग्रिगेरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल एक जनवरी को नया साल मनाया जाता है. जिसकी धूम पूरे देश में जोश और हर्ष से देखने को मिलती है.इस दिन लोग अपने खास लोगों को मिलकर बधाई देते हैं. वहीं जिनसे मिलना सम्भव नहीं हो पाता है उन्हें ऑनलाइन सन्देश या व्हाट्सअप कर देते हैं. आजकल तो 5 G नेटवर्क होने के कारण लोग सीधे वीडियो कॉल करके अपनों से जुड़ जाते हैं. हमारे देश में इतने धर्म, इतनी भाषा, इतने पंथ, इतने लोग हैं कि नया साल मानाने का हमारे पास सिर्फ इकलौता ही मौका नहीं होता है.
यह देश विविधता में एकता का देश है. इसी विविधता के कारण हमारे देश के लोग दिवाली भी उतनी ही जोश से मनाते हैं जितनी की जोश से अन्य धर्मों के त्यौहार, भारत में साल में 5 बार आप चाहें तो नया साल मना सकते हैं. ये नए साल बस कहने को तो 1 जनवरी से शुरू नहीं होंगे मगर इतना जरूर कुछ न कुछ प्रकृति से जुड़ा हुआ कारण जरूर होता है.
1 जनवरी से नए साल की शुरुआत हो जाती है. मगर इसकी शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 से हुई थी. ईसाई कैलेंडर का नाम ग्रिगोरियन कैलेंडर के नाम पर है. दरअसल सबसे पहले रोमन शासक जूलियस सीजर (Julius Caesar) ने ईसा पूर्व (BC) 45वें वर्ष में जूलियन कैलेंडर बनाया था. लेकिन बाद में पोप ग्रेगरी (Pope Gregory) ने इसमें भी कुछ संशोधन करते हुए अपने धर्म गुरु से चर्चा कर लीप ईयर (29 फरबरी- 2024) को जोड़ते हुए नए ग्रेगोरियन कैलेंडर को बनाया.
तब से 1 जनवरी को नववर्ष मनाते हैं. आपको एक बात और बताते चलें कि देश में ईसाईयों की कुल जनसंख्या 2.3% ( 2011 के अनुसार) है. जो कि तकरीबन 2 करोड़ 80 लाख होती है.
पारसी लोग नवरोज के रूप में नववर्ष मनाते हैं. इस साल को नवरोज 19अगस्त को पड़ेगा. ऐसा माना जाता है कि 3000 वर्ष पूर्व इसे सबसे पहले शाह जमशेदजी ने मनाया था. हमारे देश में पारसियों की कुल जनसंख्या 57,264 (2011 के अनुसार) है. शाह जमशेदजी ने करीब 3 हजार साल पहले पारसी धर्म में नवरोज मनाने की शुरुआत की थी.
दीपावली के अगले दिन से जैन समाज के लोग नववर्ष मनाते हैं. इसे वीर निर्वाण सम्वत भी कहा जाता है. इस साल लीप ईयर होने के कारण दिवाली (01 नवम्बर, शुक्रवार) मनाई जाएगी. वहीं उसके अगले दिन जैन नववर्ष मनाया जायेगा. ऐसा कहां जाता है कि इसी दिन महावीर स्वामी को मोक्ष प्राप्त हुआ था.हमारे देश में जैन समाज की कुल जनसंख्या 0.37% (2011 के अनुसार) है. इसी दिन से जैनी अपना नया साल मनाते हैं.
पंजाब में नया साल वैशाखी पर्व के रूप में मनाया जाता है. जो अप्रैल में आती है. सिख नानकशाही कैलेंडर के अनुसार होली के दूसरे दिन से नए साल की शुरुआत मानी जाती है. इस साल 25 मार्च को होली है. सिख धर्म के लोगों का नया साल बैसाखी पर्व 13 अप्रैल से शुरू होता है. सिख धर्म के लोग बैसाखी के दिन परंपरा के अनुसार भांगड़ा और गिद्दा (लोक नृत्य) करते हैं. इस दिन शाम को आग के आस-पास इकट्ठे होकर लोग नई फसल की खुशियां भी मनाते हैहमारे देश में सिख समाज की कुल जनसंख्या 1.72% (2011 के अनुसार) है.
हिंदू नववर्ष का प्रारंभ चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है. इसे हिंदू नव संवत्सर या नया संवत भी कहते हैं. इसके पीछे की मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी. इसी दिन से विक्रम संवत के नए साल की शुरुआत होती है. इसीलिए इस दिन को नववर्ष के रूप में मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि अप्रैल में आती है. इसे गुड़ी पड़वा, उगादी आदि नामों से भारत के कई क्षेत्रों में मनाया जाता है. हमारे देश में सिख समाज की कुल जनसंख्या 79.8% (2011 के अनुसार) है.
- हिंदू ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का बहुत महत्व होता है. विज्ञान सूर्य और चंद्र ग्रहण को एक खगोलीय घटना मानता है, लेकिन हिन्दु ज्योतिष शास्त्र में इसे एक अशुभ घटना मानी जाती है. धार्मिक मान्यताएं ये कहती है कि ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगती है. साल 2024 में भी सूर्य और चंद्र ग्रहण (Solar and Lunar Eclipse 2024) देखने को मिलेंगे. साल का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2024) मार्च के महीने में लगेगा. यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन होली है. आइए आपको बताते हैं इस दिन से जुड़ी जरूरी जानकारी.ज्योतिष शास्त्र की माने तो साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण मार्च महीने में होली के दिन लगने वाला है. 25 मार्च, सोमवार 2024 के दिन चंद्र ग्रहण लगेगा. इस दिन ग्रहण की कुल अवधि लगभग 4 घंटे की होगी. ग्रहण सुबह 10:41 बजे से दोपहर 3:01 बजे तक रहेगा. इस दौरान चंद्रमा कन्या राशि में रहेगा.
साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. इसलिए आप इस दिन आराम से होली मना सकते हैं. किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं रहेगी. अगर बात करें ग्रहण के असर की तो ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक महासागर सहित प्रशांत महासागर वाले इलाकों में रहेगा.
ज्योतिष शास्त्र के माने तो साल 2024 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण सितंबर महीने में लगेगा. यह ग्रहण भी भारत में नजर नहीं आएगा इसलिए चंद्र ग्रहण के दिन किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं रहेगी.
ग्रहण से पहले लगने वाले सूतक काल में पूजा-पाठ करने की मानाही होती है. इस दौरान देवी-देवताओं की मूर्ति को छूना भी मना होता है. ऐसे में घर पर रहने का प्रयास करें और भगवान की आराधना करें. ग्रहण काल के समय में किसी भी शुभ कार्य से परहेज करना चाहिए.
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो ने आज पी एस एल वी-सी 58 के प्रक्षेपण के लिये उलटी गिनती शुरू कर दी। इसरो वर्ष 2024 की शुरूआत एक उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ करेगा। एक जनवरी को इसरो ने पी एल वी की 60वीं उड़ान के साथ एक्सपोसैट प्रक्षेपेण की योजना बनाई है। इसका प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा में एस डी एस सी-शार से सुबह नौ बजकर दस मिनट पर होगा। इस मिशन से एक्सपोसैट को पूर्वी निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा।पी एस एल वी-सी 58 के प्रक्षेपण के साथ नए साल की शुरुआत करेगा इसरो, सुबह 9:10 बजे लॉन्च होगा एक्सपोसैट
एक्सपोसैट- एक्सरे पोलरी मीटर सैटेलाइट इसरो का पहला वैज्ञानिक उपग्रह है जो अंतरिक्ष से एक्सरे की माप का अध्ययन करेगा। यह दीर्घकाल में अंतरिक्ष में एक्सरे के स्रोत का भी अध्ययन करेगा।इस उपग्रह में दो भार पोलिक्स और एक्सस्पैक्ट लगे हैं।
पी एस एल वी –सी 58 इसरो की अंतरिक्ष अन्वेषण और प्रौद्योगिकी नवाचार में प्रगति करने की प्रतिबद्धता दर्शाता है
- राजस्थान सचिवायल के कार्मिक विभाग द्वारा एक आदेश जारी किया गया है. जिसमें 42 कर्मचारियों की एक सूची जारी की गई है. जिसमें तत्काल प्रभाव से इनका तबादला कर दिया गया है.
- राजस्थान में सरकार बदलने के बाद से न जहां सचिवालय में तबादले किये जा रहे हैं. वहीं राज्य के मुख्य सचिव का भी बदलाव किया गया है. राजस्थान सरकार के सुधांश पंत को मुख्य सचिव नियुक्त किया है. इसके लिए सरकार की ओर से आदेश भी जारी किया गया है.पूर्व सीएस उषा शर्मा का 31 दिसंबर को कार्यकाल पूरा हो चुका है.
सरकार के आदेश में कहा गया है कि, आईएएस सुधांश पंत को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने पर मुख्य सचिव, राजस्थान, जयपुर नियुक्त किया जाता है. इसके साथ उन्हें अतिरिक्त कार्यभार भी दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि, सुधांश अपने पद के कार्य के साथ-साथ अध्यक्ष, राजस्थान राज्य खान एवं खनिज निगम लिमिटेड, राजस्थान उदयपुर के पद का अतिरिक्त कार्यभार आगामी आदेशों तक संपादित करेंगे.
सुधांश पंत राजस्थान कैडर के 1991 बैच के IAS अधिकारी है. जो अब राजस्थान के नए मुख्य सचिव (Rajasthan Chief Secretary) का पद संभालेंगे. बता दें, सुधांश पंत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं. उनका जन्म 1967 में हुआ था. साल 1981 में नैनीताल के सेंट जोसेफ कॉलेज से अपनी स्कूल एजुकेशन पूरी करने के बाद IIT खड़गपुर से बीटेक (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की. उसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करने के लिए IIT मुंबई में कॉर्पोरेट ट्रेनी की जॉब छोड़ दी. इस बीच उन्होंने यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन यानी UPSC की तैयारी के दौरान नैनीताल के एक स्कूल में शिक्षक के तौर पर काम किया.
वर्तमान में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव के पद पर काम कर रहे सुधांश पंत को वित्त के क्षेत्र में राजस्थान सरकार के द्वारा कई अवॉर्ड मिल चुके हैं. पंत को राजस्थान सरकार से साल 2000, 2001, 2002, 2003, 2004 में अवार्ड मिल चुका है.
1993 में जयपुर में एसडीएम रहे हैं. उसके बाद जैसलमेर कलेक्टर रहे. वो झुंझुनूं, भीलवाड़ा, जयपुर में कलेक्टर रह चुके हैं. जेडीए के कमिश्नर भी रहे और राजस्थान के कॄषि विभाग के कमिश्नर रहे सुधांश स्वास्थ्य विभाग दिल्ली में संयुक्त सचिव रहे चुके हैं.
राजस्थान के उदयपुर में दो पक्षों में गाने और तेज आवाज को लेकर जमकर विवाद हुआ था. उदयपुर के घंटाघर थाना क्षेत्र में नाव घाट पर एक मकान में चल रही हनुमान चालीसा को बंद कराने पर दो पक्षों में आपस मे विवाद हो गया. इस विवाद के दौरान हिंदू संगठन से जुड़े लोग मौके पर पहुंच गए और माहौल गरमा गया. इसकी सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंचा और दोनों पक्षों से समझाइश के बाद मामला शांत कराया. पुलिस के अनुसार नाव घाटन निवासी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है.
पुलिस को दर्ज कराए गए रिपोर्ट में बताया गया कि उसके मकान के सामने एक हवेली में विरासत फोक डांस के नाम से प्रोग्राम चलता है. रोज चलने वाले इस प्रोग्राम में गाने की आवाज तेज रखी जाती है. जिससे उन्हें और आसपास के लोगों को काफी परेशानी होती है. इस बात के लिए उन्होंने कई बार पुलिस में शिकायत भी की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. वहीं बुधवार देर शाम को उन्होंने अपने मकान में हनुमान चालीसा का पाठ चलाया था. कुछ ही देर में अस्लम और विजय लक्ष्मी आवाज को लेकर उनके साथ गाली गलौज करने लगे.
इसके बाद निवासी ने भी लोकनृत्य के कार्यक्रम में तेज आवाज होने का विरोध किया. इस पर दोनों पक्ष आपस में उलझ गए. इतने में आसपास के लोग इकट्टा हो गए इससे माहौल और गरमा गया और मारपीट शुरू हो गई.
- मौसम
- उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और दिल्ली सहित उत्तर भारत के विभिन्न भागों में आज सुबह घना कोहरा छाया रहा।
मौसम विभाग ने देश के उत्तरी भागों में अगले कुछ दिनों तक अत्यधिक घना कोहरा रहने का अनुमान व्यक्त किया है। पंजाब के कुछ स्थानों में कल तक और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बृहस्पतिवार तक घना कोहरा बना रहेगा।
हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कल घना कोहरा छाया रहेगा। उत्तराखंड में बृहस्पतिवार तक और उत्तरी मध्य प्रदेश, उत्तरी राजस्थान और झारखंड में भी कल तक कोहरे की स्थिति बनी रहेगी। ओडिशा, बिहार, असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में मंगलवार तक घना कोहरा रहने का अनुमान है।
दिल्ली में आज सुबह घना कोहरा छाया रहा। उत्तर रेलवे के अनुसार 23 रेलगाड़ियाँ दो से सात घण्टे देरी से चल रही हैं।
- उदयपुर में पिछले 24 घंटों के दौरान तापमान रहा अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस
- नव वर्ष की पूर्व संध्या पर शुभकामनाए ……….
वर्ष 2024 सभी के लिए प्रसन्नता, शान्ति प्रसन्नता और समृद्धि लेकर आये।
- तो ये थीं अब तक की अपडेट्स हम फिर आएंगे और अपडेट्स लेकर बने रहिए हमारे साथ…