- हेलो फ्रेंड्स हम हाजिर हैं आज की अपडेट्स लेकर..
- जम्मू कश्मीर में कड़ी सुरक्षा के बीच 1500 से अधिक तीर्थयात्रियों का 28वां जत्था आज तड़के जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुआ। यह जत्था पहले बालटाल और पहलगाम के आधार शिविर पहुंचेगा और फिर तीर्थयात्री वहां से दर्शन के लिए पवित्र गुफा जाएंगे। भगवती नगर शिविर से कुल एक हजार पांच सौ पचास तीर्थयात्री 66 गाड़ियों के काफिले में कड़ी सुरक्षा के बीच रवाना हुए। इनमें से चार सौ बयासी तीर्थयात्री बालटाल के छोटे रास्ते से जाएंगे। जबकि एक हजार अड़सठ लोग नुनवान पहलगाम के परम्परागत लम्बे रास्ते से यात्रा करेंगे। इसके साथ ही 30 जून से अब तक जम्मू के आधार शिविर से एक लाख इकतालीस हजार नौ सौ चौरानवे तीर्थयात्री श्री अमरनाथ यात्रा के लिए जा चुके हैं। वहीं इस बार अब तक रिकार्ड तीन लाख इक्यानवे हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा में दर्शन किए हैं। पवित्र गुफा जाने वाले तीर्थयात्रियों की यह संख्या पिछले वर्षों के मुकाबले काफी अधिक है। दक्षिण कश्मीर में हिमालय की श्रृंखला पर तीन हजार आठ सौ अट्ठासी मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा की तीर्थ यात्रा इस बार 62 दिन चलेगी। यह यात्रा 1 जुलाई से शुरू हुई थी और 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा रक्षा बंधन के अवसर पर इसका समापन होगा।
- हिंदी साहित्यिक परंपरा में जहां स्त्रियां केवल कथा में एक पात्र मात्र से अधिक की स्थिति में उपस्थित नहीं थी, वहां यह संभवतः प्रेमचंद ही थे जिन्होंने अपने स्त्री पात्रों को एक ठोस सामाजिक-आर्थिक आधार पर रखकर उनकी राजनीतिक अभिव्यक्ति को संभव बनाया. और य लेखक की लेखनी से निकलकर पन्नों पर आकार ग्रहण करते शब्द- जिनसे अंततः साहित्य निर्मित होता है- वह एक विशिष्ट अर्थ में विशुद्ध राजनीतिक कर्म है.
- ।1996 में जहां सिर्फ सात राज्यों में ही डेंगू के मामले हुआ करते थे 2022 तक आते-आते 35 राज्यों में डेंगू के मामले पहुंच चुके हैं। बिहार ओडिशा और जम्मू-कश्मीर में भी डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। 2010 के बाद बिहार ओडिशा में डेंगू के मामले में बढ़ोतरी हुई है। डेंगू के मामलों के बढ़ने के साथ-साथ डेंगू के स्ट्रेन में भी बदलाव हुआ है।हाल में ही हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि बीते पांच दशकों में डेंगू के वेरिएंट में कई तरह के बदलाव आए हैं। डेंगू का वैरिएंट बीते पचास सालों में वेरिएंट बदल अधिक घातक हो गया है।हीं डेंगू के मामलों के बढ़ने के साथ-साथ डेंगू के स्ट्रेन में भी बदलाव हुआ है। 2012 तक डेंगू के स्ट्रेन 1 और स्ट्रेन 3 का जोर ज्यादा था तो उसके बाद स्ट्रेन 2 और स्ट्रेन 4 के डंक ने भी लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाया।मच्छर जनित इस बीमारी के खिलाफकुछ टीके जरूर विकसित किए गए हैं।
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- हर साल लाखों की संख्या में भक्त उज्जैन में महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं। कहते हैं महाकाल के दर्शन से सभी दुखों का नाश होता है। वहीं, भारी भीड़ के चलते महाकाल मंदिर के दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा शुरू हो गई है। आपकी बुकिंग स्वीकार होते ही मोबाइल पर एसएमएस आएगा। इसके अलावा लाइव आरती भी देखी जा सकती है।
- महाकाल के दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग 60 दिन पहले कर सकते हैं।
- दर्शन के दो दिन पहले भी टिकट बुक कर सकते हैं।एक भक्त अपने खाते से 10 लोगों की बुकिंग कर सकता हैऑनलाइन बुकिंग के लिए 200 रुपये का भुगतान करना होगा।
- ऑनलाइन बुकिंग हेतु सबसे पहले वेबसाइट shrimahakaleshwar.com पर जाना होगा।
- होमपेज पर जाकर भस्म आरती/ शीर्घ दर्शन/ गर्भगृह दर्शन पर क्लिक करें।
- सके बाद दर्शन या आरती हेतु तिथि का चयन करें
- अब अपना रजिस्ट्रेशन करें।
- बुकिंग के बाद आपके मोबाइल पर SMS के माध्यम से रजिस्ट्रेशन नंबर और पासवर्ड आ जाएगा।
- सरकार ने आधार नियमों में संशोधन किया है। नई व्यवस्था के तहत अब प्रत्येक 10 वर्ष पर आधार धारकों को अपने आधारकार्ड का नवीकरण कराना होगा और इसके लिए सभी संबधिक दस्तावेज देने होंगे।
- केरल में समुद्र में ट्रॉलिंग के जरिए मछली पकड़ने पर 52 दिनों से जारी प्रतिबंध आज मध्य रात्रि से समाप्त हो गया है। राज्य का मत्स्य क्षेत्र समुद्र में मछली पकड़ने से जुड़ी गतिविधियों की तैयारियों में फिर से सक्रिय हो चुका है। नावों को बर्फ और ईंधन से भरा जा रहा है जबकि मछली पकड़ने से जुड़ा अन्य तैयारियां भी जारी हैं। नाव यार्ड से कई यंत्रीकृत नावों को आवश्यक मरम्मत के बाद बाहर निकाला गया है और उन पर रंग चढ़े जा रहे हैं।
- राज्य सरकार 1988 से मछली पकड़ने पर वार्षिक प्रतिबंध लगा रही है ताकि समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर मछली पकड़ने से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। यह प्रतिबंध मछली प्रजनन सीजन में लगाया जाता है। इससे समुद्र के मत्स्य संसाधनों में वृद्धि होगी।
- उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉडगेज लाइन पर सेमारी रेलवे स्टेशन एक्सप्रेस ट्रेनोंं के ठहराव सहित अन्य मांग को लेकर लोग लामबंद क्षेत्र के लोग रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। उनकी ओर से रविवार को चित्तौड़गढ़- उदयपुर- असारवा डेमू ट्रेन को रोकने की चेतावनी पर प्रशासन अलर्ट मोड पर था। डेमो ट्रेन निकलने के बाद सभी ने राहत की सांस ली। रेलवे संघर्ष समिति एवं रेलवे के प्रशासनिक अधिकारियों व रेलवे पुलिस द्वारा सेमारी थाने में ढाई घंटे चली वार्ता के बाद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा नगर वासियों की मांग को रेलवे मंडल अजमेर , जयपुर द्वारा रेलवे बोर्ड दिल्ली को भेज देने की बात कही गई एवं कुछ दिन का समय रेलवे प्रशासन को देने व रेल रोको आंदोलन को फिलहाल स्थगित करने का आग्रह किया गया। इ
- रीको द्वारा विकसित उदयपुर जिले के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में भूखण्डों के आवंटन के लिए ई-नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई है। नीलामी में 46 औद्योगिक भूखंड और 4 दुकानें शामिल हैं। इच्छुक पार्टियों को अपनी बयाना राशि 31 जुलाई से 16 अगस्त 2023 के बीच शाम 6:00 बजे तक जमा करनी होगी। ई-बोली प्रक्रिया 17 अगस्त, 2023 को सुबह 10:00 बजे से शुरू होकर 21 अगस्त, 2023 को शाम 5:00 बजे तक चलेगी। इस अवधि के दौरान, प्रतिभागी उपलब्ध भूखंडों और दुकानों के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपनी बोलियां जमा कर सकते हैं।, जो आवेदक नीलामी में भाग लेना चाहते हैं, उन्हें ऑनलाइन बोली प्रक्रिया के दौरान शुरुआती प्लॉट के 360-डिग्री फोटोव्यू और Google स्थान तक पहुंच प्राप्त होगी। इस प्रावधान का उद्देश्य आवेदकों को भूखंड के परिवेश के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करना है, जिससे उनके लिए सूचित चयन करना और अपनी बोली लगाना आसान हो सके। विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न भूखंडों की उपलब्धता है। इनमें कलड़वास (विस्तार) औद्योगिक क्षेत्र में 17 औद्योगिक भूखंड, सनवाड़ औद्योगिक क्षेत्र में 2 औद्योगिक भूखंड, आमली औद्योगिक क्षेत्र में 27 औद्योगिक भूखंड, मेवाड़ औद्योगिक क्षेत्र में दुकानों के 2 भूखंड और भामाशाह में दुकानों के 2 भूखंड शामिल हैं। कलड़वास औद्योगिक क्षेत्र. ई-नीलामी के दौरान सफल बोलीदाताओं को कुल राशि का 25 प्रतिशत जमा करना आवश्यक है। इस प्रारंभिक जमा के बाद, उनके पास शेष 75 प्रतिशत का भुगतान या तो 11 त्रैमासिक किश्तों में 8.50 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ या 120 दिनों के भीतर बिना ब्याज के भुगतान करने का विकल्प है।सफल बोलीदाता को 25 प्रतिशत धनराशि जमा करने पर आवंटन पत्र एवं भूखण्ड का कब्जा प्राप्त हो जायेगा। इस व्यवस्था का उद्देश्य बोलीदाताओं को नीलामी में सफलतापूर्वक जीते गए भूखंडों को प्राप्त करने में लचीलापन और आसानी प्रदान करना है। ई-नीलामी प्रक्रिया के अलावा, RIICO अपने औद्योगिक क्षेत्रों में नए भूखंडों के आवंटन के लिए एक आकर्षक ऋण सुविधा भी प्रदान करता है। इस योजना के तहत RIICO प्लॉट की कुल लागत का 75 प्रतिशत तक ऋण प्रदान करता है। इस सुविधा के लिए पात्र न्यूनतम ऋण राशि 100 लाख रुपये है, और ऋण की चुकौती अवधि 5 वर्ष होगी।इसके अलावा, सफल बोलीदाता जिला उद्योग और वाणिज्य केंद्र के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं का भी लाभ उठा सकते हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य क्षेत्र में कार्यरत व्यवसायों और उद्योगों को अतिरिक्त लाभ और सहायता प्रदान करना है।
- मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल,के संयुक्त तत्वावधान में 1 से 7 अगस्त तक मनाये जाने वाले सात दिवसीय विश्व स्तनपान सप्ताह का आगाज़ मंगलवार से मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में उद्घाटन समारोह से किया जोयगा। इसी क्रम में जनजागरूकता हेतुमेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में पोस्टर विमोचन किया गया।
- बम्बई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक आज 367 अंक बढ़कर 66 हजार 528 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 108 अंक चढ़कर 19 हजार 754 पर पहुंच गया।
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- उदयपुर में दोनों कीमती धातुओं के भाव इस प्रकार रहे
सोना 22 कैरेट 1 ग्राम₹ 5639 सोना 24 कैरेट 1 ग्राम ₹ 5921
चांदी 1 किलो बार का भाव रहा ₹₹ 80000 -
- मौसम
- दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान जून से जुलाई तक राजस्थान के कई इलाकों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज हो चुकी है, लेकिन अगले दो माह बारिश के हिसाब से कमजोर रहने वाले हैं। मौसम विज्ञान विभाग की ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि राजस्थान में अगस्त के दौरान औसत से कम बारिश होगी।कहा जा सकता है कि हर साल कि तरह इस बार अगस्त में ताबड़तोड़ बारिश का आंकड़ा सामने नहीं आ सकेगा। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि बीसलपुर पर चादर चलने की आस अधूरी रहेगी। उधर, जयपुर मौसम केन्द्र का कहना है कि राजस्थान के पश्चिमी इलाकों में अगस्त और सितंबर के दौरान बारिश का आंकड़ा बहुत कम रह सकता है। लेकिन वहां जून और जुलाई ने तरबतर कर दिया।
यही स्थिति सितंबर में दिखाई दे सकती है। इस दौरान पूर्वी राजस्थान में सामान्य का आंकड़ा दिखाई दे सकता है, जबकि पश्चिमी राजस्थान में कमी दिखाई देगी। कुछ इलाकों में तो छुटपुट बारिश से ही संतोष करना पड़ेगा। जून और जुलाई की बारिश ने कई जिलों में झोली भर दी है। तभी तो राजस्थान में जून व जुलाई की बारिश का आंकड़ा बताता है कि सामान्य से 42 प्रतिशत बारिश अधिक दर्ज की गई है। राजस्थान में सामान्य बारिश का आंकड़ा 161.4 एमएम है, जबकि वास्तविक बारिश 228.4 एमएम दर्ज हुई है, जो सामान्य से 42 प्रतिशत ज्यादा है। इसमें भी पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 20 और पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 78 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की माने तो दक्षिण-पश्चिम मानसून का दूसरा चरण (अगस्त-सितंबर) के दौरान देश में बारिश सामान्य होने की संभावना है। संभवतः सामान्य के नकारात्मक पक्ष की ओर। उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। जबकि प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश हिस्सों व उत्तर-पश्चिम व मध्य भारत के पश्चिमी हिस्सों में सामान्य से नीचे बारिश होने की संभावना है। अगस्त के दौरान पूरे देश में सामान्य से कम बारिश की संभावना है।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मानसून के पहले चरण के दौरान की कहा गया था कि मानसून की पिछले चरण के दौरान अलनीनो की स्थिति रहने से मानसून कमजोर रह सकता है। वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर कमजोर अलनीनो की स्थिति बनी हुई है। नवीनतम एमएमसीएफएस और अन्य जलवायु माॅडल से संकेत मिलता है कि अलनीनो की स्थिति और अधिक तेज होने और अगले साल तक जारी रहने की संभावना है। वर्तमान में हिंद महासागर में तटस्थ आईओडी स्थितियां प्रचलित है। नवीनतम जलवायु माॅडल पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि मानसून के शेष भाग के दौरान सकारात्मक आईओडी स्थितियां विकसित होने की संभावना है। आईएमडी अगस्त के अंत तक सितंबर के लिए मासिक बारिश और तापमान का पूर्वानुमान जारी करेगा।
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उदयपुर में पिछले 24 घंटों के दौरान तापमान रहा अधिकतम 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 सेल्सियस
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