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- उत्तर भारत की पवित्र एवं पावन मणिमहेश यात्रा के लिए हिमाचल के भरमौर में भारी जन सैलाब उमड़ आया है। एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु भरमौर से मणिमहेश के लिए रवाना हो गए हैं, जहां पर सुबह से शाही स्नान चल रहा है।
- उदयपुर के उत्तर-पूर्व में 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, नाथद्वारा बनास नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। नाथद्वारा अपने 17वीं शताब्दी के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है जो भगवान श्रीनाथजी (भगवान कृष्ण) को समर्पित है। ‘नाथद्वारा’ शब्द का अर्थ है ‘भगवान का द्वार’। श्रीनाथजी मंदिर को ‘श्रीनाथजी की हवेली’ के नाम से भी जाना जाता है और यह हिंदुओं/वैष्णवों का एक प्रमुख तीर्थस्थल है।
मंदिर की स्थापना के पीछे एक कहानी है। किंवदंती के अनुसार, भगवान श्रीनाथ जी की मूर्ति वृंदावन (भगवान कृष्ण की भूमि) में स्थापित की गई थी, लेकिन मूर्ति को औरंगजेब के विनाशकारी क्रोध से बचाने के लिए। 1672 में, राणा राज सिंह एकमात्र वीर थे, जिन्होंने मूर्ति को औरंगजेब के कब्जे से बचाने का प्रयास किया था। ऐसा कहा जाता है कि जब मूर्ति को अभेद्य स्थान पर ले जाया जा रहा था, तो एक विशेष स्थान पर, वाहन का पहिया कीचड़ में धंस गया। मूर्ति ने आगे बढ़ने से मना कर दिया, इसलिए पुजारी ने आशंका जताई कि यह भगवान की चुनी हुई जगह है। इस प्रकार, उसी स्थान पर एक मंदिर बनाया गया।
इस मंदिर की संरचना सरल है, लेकिन इस मंदिर का सौंदर्य आकर्षण निरंतर है। भगवान श्रीनाथजी भगवान कृष्ण के एक रूप का प्रतीक हैं, जब उन्होंने ‘गोवर्धन’ (एक पहाड़ी) उठाया था। छवि में, भगवान अपने बाएं हाथ को उठाए हुए और दाहिने हाथ को मुट्ठी में बांधे हुए दिखाई देते हैं। मूर्ति को एक बड़े काले पत्थर से उकेरा गया है। भगवान के सिर के पास दो गायों, एक साँप, एक शेर, दो मोर और एक तोते की छवियाँ मूर्ति पर अंकित हैं।मंदिर के अधिकारियों के पास 500 से कम गायें नहीं हैं और उनमें से एक को श्रीनाथजी की गाय माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह गाय उस वंश से आई है जिसने सदियों तक भगवान की सेवा की है। पहले यहां भोजन से भरी गाड़ियां आती थीं, जिन्हें श्रीनाथजी द्वारा भेजा जाता था। श्रीनाथजी का पवित्र मंदिर पूरे राजस्थान और भारत में प्रसिद्ध है। वैष्णव समुदाय के लोग बड़ी संख्या में इस पवित्र तीर्थस्थल पर दर्शन करने आते हैं। - होली, दिवाली और जन्माष्टमी के समय यहाँ बड़ी संख्या में लोग आते हैं इस के अलावा, अन्नकूट एक प्रमुख त्यौहार है जिसे मंदिर में पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
नाथद्वारा शहर अपनी ‘पिछवाई’ पेंटिंग, हाथी दांत की वस्तुओं और मुंह में पानी लाने वाली मिठाइयों के लिए भी प्रसिद्ध है। - मौसम
- मौसम विभाग ने गुजरात और राजस्थान के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, गुजरात और राजस्थान में 26, 27 और 28 अगस्त को भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने राजस्थान के जालौर, सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा में भारी से भी ज्यादा बारिश होने का अनुमान जताया है। इसके अलावा बाडमेर, पाली, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ में भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, गुजरात के अमरेली, भावनगर, वड़ोदरा, भरूच, सूरत, नवसारी, तापी, वलसाड, बरमानी में भारी से भी भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने गुजरात के अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
- लेकसिटी में बारिश का दौर रविवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। दो दिन से हो रही अच्छी बारिश से जलाशयों में पानी की आवक हुई है। पीछोला का जलस्तर 6 फीट के करीब पहुंच गया है। पीछोला को भरने वाली सीसारमा नदी 2 फीट से बह रही है। वहीं जिले में सोमवार को भी अति भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है। शाम 5 बजे तक जिले में सर्वाधिक बारिश वल्लभनगर में 40 मिमी रिकॉर्ड की गई।
झीलों के शहर में भादों की बारिश सावन का अहसास करा रही है। मानसून चक्र की शुरूआत से झीलों के भरने का लोग इंतजार कर रहे है लेकिन करीब दो माह से अच्छी बारिश की लेकसिटी बाट जोह रहा था और मौसम विभाग के अलर्ट के बीच शुक्रवार को केचमेंट में जिले में अधिकांश जगहों हुई अच्छी बारिश से जलाशयों में पानी की आवक हुई झील का जलस्तर 5 फीट 2 इंच से आधा फीट बढ़कर 5 फीट 8 इंच के (6 फीट) के करीब पहुंच गया है। सीसारमा नदी शाम 5 बजे तक 2 फीट के वेग से बह रही है। केचमेंट में शाम 5 बजे तक बारिश तो हुई लेकिन तेज बरसात के समाचार नहीं मिलने से आवक धीरे पड़ गई है।
जल संसाधन विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार शाम 5 बजे तक वल्लभनगर में 40 मिमी, उदयपुर शहर में ३ मिमी, बागोलिया 20, देवास 12, गोगुन्दा 3, उदयसागर 13 मिमी बरसात रिकॉर्ड की गई। शहर में हल्की बारिश का दौर तो दिनभर रूक-रूक कर जारी रहा लेकिन शाम 6.30 बजे करीब 10 से 12 मिनट मूसलाधार बारिश हुई है। जिले में सोमवार को भी मौसम विभाग ने अतिभारी बारिश की चेतावनी दी है ऐसे में केचमेंट में अच्छी बारिश सीसारमा के वेग को फिर बढ़ा सकती है। - उदयपुर में तेज हवा के साथ हुई बारिश से कई जगह बाजार में पानी भर गया। उदयपुर में पिछले 24 घंटों के दौरान तापमान रहा अधिकतम 27 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस
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